अमेरिकी सेना ने पहली बार दक्षिण कोरिया में ‘परमाणु हथियार प्रभाव’ प्रशिक्षण किया आयोजित

सोल। अमेरिकी सेना ने दक्षिण कोरिया में एक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया। पहली बार इसका मकसद परमाणु वातावरण में प्रभावी ढंग से काम करने की क्षमताओं को बढ़ाना था। यूएस फोर्सेज कोरिया (यूएसएफके) ने बुधवार को यह जानकारी दी।

15-16 अप्रैल के बीच सोल में दक्षिण कोरिया के रणनीतिक कमान में यह प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य उत्तर कोरिया के परमाणु खतरों के खिलाफ सहयोगियों की संयुक्त प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना था।

यह प्रशिक्षण अमेरिकी सेना की परमाणु एवं सामूहिक विनाश के हथियार निरोधक एजेंसी (यूएसएएनसीए) के नेतृत्व में दक्षिण कोरियाई सेना के लिए आयोजित किया गया था। इसमें दक्षिण कोरिया के 13 कर्मी शामिल थे।

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष अगस्त में मित्र राष्ट्रों ने परमाणु और पारंपरिक क्षमताओं को एकीकृत करने के लिए अपना पहला टेबल-टॉप अभ्यास आयरन मेस 24 संपन्न किया था।

दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका उत्तर कोरिया के उभरते परमाणु खतरों का मुकाबला करने के लिए प्रयास बढ़ा रहे हैं।

पिछले साल अक्टूबर में आयोजित वार्षिक द्विपक्षीय रक्षा वार्ता में, सहयोगी देशों ने भविष्य के संयुक्त सैन्य अभ्यासों में उत्तर कोरियाई परमाणु हमले सहित यथार्थवादी परिदृश्यों को शामिल करने पर सहमति व्यक्त की।

दक्षिण कोरिया में 28,500 से अधिक अमेरिकी सैन्यकर्मी तैनात हैं। वे उत्तर कोरियाई खतरे को रोकने, कोरियाई युद्धविराम समझौते को बनाए रखने के लिए दक्षिण कोरियाई सेना और संयुक्त राष्ट्र कमांड के सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करते हैं।

उत्तर कोरिया के उकसावे और हमलों को रोकने के लिए, अमेरिका-दक्षिण कोरिया गठबंधन एक मजबूत रक्षात्मक सैन्य रुख अपनाया हुआ है।

 

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