हाल ही में, लॉ स्कूल की खबरों में था क्योंकि क्वाक्वेरेली साइमंड्स यूके (क्यूएस) ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग बाय सब्जेक्ट लॉ 2025 में इसे भारत का नंबर 1 लॉ स्कूल बताया है।
लगातार छठे वर्ष, जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जेजीएलएस) को भारत में नंबर 1 लॉ स्कूल और दुनिया भर में शीर्ष 100 में स्थान दिया गया है (2025 में वैश्विक स्तर पर 78वां स्थान)।
ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी को भारत सरकार ने इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस (आईओई) का दर्जा दिया है। इस विश्वविद्यालय ने हाल ही में अपनी स्थापना के 15 वर्ष पूरे किए हैं और भारत का पहला संविधान संग्रहालय भी अपने परिसर में बनाया है। यह विश्व का एकमात्र लॉ स्कूल है जिसके पास अपना संविधान संग्रहालय है।
इस वर्ष कुल 225 सीटों पर दाखिला होगा।
विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर (डॉ) सी. राज कुमार ने इस साल लॉ स्कूल में दाखिले की सफलता के बारे में बताते हुए कहा, “हमारा सबसे अच्छा फैसला जेजीएलएस में दाखिले के लिए एलएनएटी टेस्ट का इस्तेमाल करना था। एलएनएटी टेस्ट दुनिया का सबसे बड़ा लॉ स्कूल एडमिशन टेस्ट है, जिसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एलएनएटी कंसोर्टियम द्वारा लिया जाता है। यह पढ़ने की समझ और तार्किक सोच का मानकीकृत परीक्षण है। इसमें कानून, सामान्य ज्ञान, गणित या रटने वाली कोई चीज नहीं पूछी जाती। छात्र टेस्ट की तय तारीखों के दौरान दुनिया भर के 500 से ज्यादा सेंटरों पर कभी भी एलएनएटी दे सकते हैं। मुझे दुनियाभर में इस टेस्ट का बगैर किसी दिक्कत के सही संचालन देखकर खुशी हो रही है और जेजीएलएस में पढ़ने की इच्छा रखने वाले छात्रों को प्रतिस्पर्धा करने का निष्पक्ष और आसान प्रक्रिया के तहत अवसर मिल रहा है।
प्रोफेसर आनंद प्रकाश मिश्रा, वाइस डीन, जेजीएलएस और विश्वविद्यालय के लॉ एडमिशन डायरेक्टर ने आगे कहा, “हमने 5-वर्षीय एलएलबी ऑनर्स कार्यक्रमों (बीकॉम एलएलबी, बीए एलएलबी और बीबीए एलएलबी) में 75 प्रतिशत सीटें पहले प्रवेश प्रक्रिया में ही भर ली थीं, जो 31 जनवरी को समाप्त हो गई थी। 30 अप्रैल की अंतिम तिथि प्रत्येक कार्यक्रम में शेष 25 प्रतिशत सीटों के लिए है। जेजीएलएस में सभी तीन 5-वर्षीय कानून कार्यक्रमों में 300 सीटों की स्वीकृत संख्या है। हम 30 अप्रैल को या उससे पहले एलएनएटी परीक्षा के आधार पर प्रत्येक तीन कार्यक्रमों में 75 सीटें या कुल 225 सीटें भरेंगे। आज, देश के सबसे होशियार छात्र कानून की पढ़ाई करना चाहते हैं, और उनमें से अधिकांश जेजीएलएस में भी पढ़ना चाहते हैं। यह उन छात्रों के लिए अंतिम अवसर है जो 1 अगस्त, 2025 से शुरू होने वाले शैक्षणिक वर्ष 2025-26 में हमारे लॉ स्कूल में शामिल होना चाहते हैं।
विद्यार्थियों को 30 अप्रैल, 2025 से पहले एलएनएटी-यूके टेस्ट देना होगा। यह नेशनल एडमिशन टेस्ट फॉर लॉ या एलएनएटी है (जिसे एलएनएटी-यूके भी कहा जाता है क्योंकि इसे ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज, एलएसई और अन्य प्रमुख यूके लॉ स्कूलों द्वारा स्वीकार किया जाता है)। टेस्ट का का संचालन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में स्थित एलएनएटी कंसोर्टियम लिमिटेड द्वारा किया जाता है।
भारत से जेजीएलएस अकेला लॉ कॉलेज है जो इसका सदस्य है। यह परीक्षा 95 मिनट की होती है और इसमें 42 सवाल होते हैं जिनके जवाब देने होते हैं।
परीक्षा का पैटर्न: इसमें 12 पैसेज दिए जाते हैं, और हर पैसेज पर 3 से 4 बहुविकल्पीय प्रश्न होते हैं। परीक्षा का फॉर्मेट कंप्यूटर-बेस्ड टेस्ट – सीबीटी है, जिसमें दुनिया भर में 500 से अधिक परीक्षा केंद्र हैं, जिनमें भारत में भी 40 से अधिक केंद्र मौजूद हैं।
जेपीएलएस में दाखिले के लिए निबंध नहीं लिखना होता। हर साल की दाखिला प्रक्रिया में कटऑफ अलग-अलग हो सकता है। अभी तक की शुरुआती जानकारी के अनुसार 42 में से 15 अंक पर दाखिला मिल चुका है, लेकिन भविष्य में यह कट ऑफ बढ़ भी सकता है।
एलएनएटी-यूके का स्कोर लॉ स्कूल की ओर से दी जाने वाली 300 से अधिक मेरिट-कम-मीन्स स्कॉलरशिप के लिए भी मान्य होगा। ये छात्रवृत्तियां ट्यूशन फीस के 10 प्रतिशत, 25 प्रतिशत, 50 प्रतिशत और 75 प्रतिशत तक की हो सकती हैं। स्कॉलरशिप पाने के लिए छात्र की मेरिट और उसके माता-पिता की सालाना आय (दोनों के हालिया इनकम टैक्स रिटर्न में) 50 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
छात्रों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि जिन्हें दाखिला मिल जाता है, उनके लिए एलएनएटी परीक्षा निःशुल्क होती है, क्योंकि इसकी फीस (120 पाउंड) पहले साल की ट्यूशन फीस में समायोजित कर दी जाती है।