इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। आकर्षण का केंद्र एक विशेष प्रदर्शनी रही जिसमें पुराने और आधुनिक हथियारों को प्रदर्शित किया गया। राजा-महाराजाओं के समय से लेकर आधुनिक हथियारों को देख लोग अवाक रह गए।
इसमें बंदूकें, तलवारें, पुराने जमाने के सुरक्षा उपकरणों के साथ-साथ आधुनिक पुलिसिंग में प्रयुक्त तकनीकी संसाधनों को भी शामिल किया गया। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य आम जनता को पुलिस के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराना था। पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिसिंग के जिन आयामों पर पुलिस ने पिछले वर्षों में काम किया है, उन्हें इस प्रदर्शनी के माध्यम से जनता तक पहुंचाना मुख्य मकसद है।
पुलिस कमिश्नर ने मीडिया से बातचीत करते हुए सभी नागरिकों और पुलिसकर्मियों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर पुलिस द्वारा यह संकल्प लिया गया है कि भविष्य में और अधिक निष्ठा और समर्पण के साथ सेवा दी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदर्शनी के माध्यम से जनता को यह बताना जरूरी है कि पुलिस कैसे काम करती है, किन संसाधनों का उपयोग करती है और किन-किन क्षेत्रों में सुधार हुआ है। साथ ही पुलिस के अनुशासन, पेट्रोलिंग और फॉर्मेशन जैसी गतिविधियों को भी विस्तार से प्रदर्शित किया गया है।
पुलिस स्थापना दिवस पर पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने यह वादा किया कि वे राज्य की सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगातार बेहतर काम करते रहेंगे। कार्यक्रम के अंत में आम लोगों को प्रदर्शनी का अवलोकन करने का अवसर दिया गया, जिससे लोगों में पुलिस के प्रति जागरूकता और विश्वास और भी अधिक गहरा हुआ।