राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि पहल का उद्देश्य नियमित टीकाकरण में लगे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के कौशल और कार्यप्रणाली में सुधार करना है। यह ऐप टीकाकरणकर्ताओं के क्षमता निर्माण में इस तरह से काम कर रहा है कि नियमित टीकाकरण को लेकर समय-समय पर दिशा-निर्देश बदलते रहते हैं, जैसे नई तकनीकों को शामिल करना।
डॉ. अजय ने बताया कि पायलट के तौर पर यह ऐप देश के 181 जिलों में लागू किया गया था, जहां पर इसका प्रयोग सफल रहा। अब इसे प्रदेश में लागू कर दिया गया है और इसको लेकर जिलास्तरीय अधिकारियों का प्रशिक्षण समस्त 75 जनपदों में पूर्ण किया जा चुका है। इस वक्त ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों का प्रशिक्षण चल रहा है। इससे लगभग 52,175 टीकाकरणकर्ता लाभान्वित होंगे।
पहली प्राथमिकता यह होती है कि इन बदलावों के बारे में टीका लगाने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को जल्द से जल्द बताना, जिससे टीकाकरण समय और कुशलता से सुनिश्चित हो सके। वर्तमान में जो प्रशिक्षण प्रणाली है, उसके माध्यम से इन सूचनाओं को स्वास्थ्यकर्मियों तक पहुंचने में समय लगता है, जबकि राइज ऐप के माध्यम से सूचनाएं तेजी से प्रसारित होती हैं।
उन्होंने बताया कि पूरा प्रशिक्षण पांच मॉड्यूल में संकलित है।
यहां से प्रशिक्षण लेने के बाद प्रशिक्षक टीकाकरणकर्ताओं को हर 15 दिन के अंतराल पर पांचों मॉड्यूल की ट्रेनिंग देंगे। प्रशिक्षण का पूर्व एवं पश्चात असेसमेंट किया जाएगा। असेसमेंट के बाद जो प्रशिक्षणार्थी 85 से 100 प्रतिशत तक अंक प्राप्त करेंगे, उन्हें गोल्ड प्रमाणपत्र तथा जो 70 से 85 प्रतिशत तक अंक हासिल करेंगे, उन्हें रजत प्रमाणपत्र दिया जाएगा।