चीन के लाइव-फायर सैन्य अभ्यास से ऑस्ट्रेलिया क्यों हुआ नाराज?

कैनबरा। ऑस्ट्रेलिया सरकार ने चीन के उस लाइव-फायर सैन्य अभ्यास पर नाराजगी जताई है, जिसे ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच समुद्र में बिना पर्याप्त सूचना के किया गया। इस अभ्यास के कारण दोनों देशों के बीच चलने वाली वाणिज्यिक उड़ानों को अपने मार्ग बदलने पड़े।

स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को चीनी युद्धपोतों ने लाइव-फायर अभ्यास किया, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई सेना को इसकी कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई। इसके बजाय, चीन ने इस अभ्यास की जानकारी सिर्फ सिविल एयरक्राफ्ट चैनल पर मौखिक रेडियो प्रसारण के जरिए दी। इस तरह की अधूरी सूचना से कई उड़ानों को अचानक अपने रास्ते बदलने पड़े, जिससे असुविधा हुई।

ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस ने इस मुद्दे पर कहा कि जब ऑस्ट्रेलिया कोई सैन्य अभ्यास करता है, तो वह आमतौर पर 12 से 24 घंटे पहले इसकी सूचना देता है। इससे हवाई यातायात को अपना मार्ग तय करने का समय मिल जाता है और किसी तरह का व्यवधान नहीं होता। लेकिन चीन की ओर से दी गई सूचना बहुत कम थी, जिससे ट्रांस-तस्मान उड़ानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि किसी भी नौसेना या सेना की जिम्मेदारी होती है कि जब वे लाइव फायरिंग करें, तो यह सुनिश्चित करें कि यह किसी भी वाणिज्यिक यातायात, चाहे वह समुद्री हो या हवाई, के लिए खतरा न बने।

रक्षा मंत्री मार्लेस ने यह भी बताया कि चीनी युद्धपोतों का उस जगह पर मौजूद होना असामान्य था। यह क्षेत्र ऑस्ट्रेलिया के तट से लगभग 640 किलोमीटर दूर ईडन के पास स्थित है, जो मूल रूप से ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच में आता है। इस बात ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार की चिंता और बढ़ा दी है।

ऑस्ट्रेलिया सरकार ने इस मामले को चीन के सामने गंभीरता से उठाया है। कैनबरा और बीजिंग दोनों जगहों पर इस मुद्दे को उठाया गया है। इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने भी इस मामले पर चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत की।

पेनी वोंग ने कहा कि उन्होंने चीन के इस सैन्य अभ्यास पर स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने यह मुद्दा दक्षिण अफ्रीका में आयोजित जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान उठाया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि चीन के साथ बातचीत करना ऑस्ट्रेलिया के हितों की रक्षा के लिए जरूरी है। उन्होंने आगे बताया कि इस बैठक में उन्होंने सैन्य आचरण, कांसुलरी मामलों, मानवाधिकारों और अन्य चिंताओं पर ऑस्ट्रेलिया की अपेक्षाओं को स्पष्ट किया। साथ ही, उन्होंने चीन से यह भी पूछा कि बिना पूर्व सूचना के लाइव-फायर अभ्यास क्यों किया गया।

ऑस्ट्रेलिया सरकार का मानना है कि इस तरह के सैन्य अभ्यास से क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता पर असर पड़ सकता है। उनका कहना है कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत किसी भी देश को ऐसा सैन्य अभ्यास करने से पहले उचित सूचना देनी चाहिए, ताकि अन्य देशों के लिए कोई खतरा न बने। ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने चीन से आग्रह किया है कि भविष्य में इस तरह की गतिविधियों के बारे में पहले से जानकारी दी जाए, ताकि किसी भी तरह की समस्या से बचा जा सके।

 

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