कोविड को पीछे छोड़कर अमेरिका में फ्लू सबसे घातक सांस रोग बना

न्यूयॉर्क। यह पहली बार हुआ है कि कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में फ्लू (इन्फ्लूएंजा) कोविड से ज्यादा घातक सांस की बीमारी बन गया है। इस कारण अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ उमड़ रही है और डॉक्टरों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, फ्लू के मामलों में यह तेजी ऐसे समय में आई है जब टीकाकरण की दर बेहद कम है। अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, इस सीजन में सिर्फ 44 वयस्क और 46 बच्चे ही फ्लू का टीका लगवा पाए हैं।

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन फ्रांसिस्को के संक्रामक रोग विशेषज्ञ पीटर चिन-होंग ने बताया कि अस्पताल पूरी तरह भरे हुए हैं। उन्होंने कहा, हर जगह फ्लू के मामले नजर आ रहे हैं। सैन फ्रांसिस्को खाड़ी क्षेत्र में स्थानीय क्लीनिकों में किए जा रहे श्वसन संबंधी वायरस परीक्षणों में 70 से अधिक मामले फ्लू के पाए गए हैं। यह आंकड़ा कोविड-19, आरएसवी (रेस्पिरेटरी सिंकिशियल वायरस) और सामान्य सर्दी से अधिक है।

1 फरवरी तक कैलिफोर्निया में फ्लू टेस्ट पॉजिटिविटी दर 27.8 तक पहुंच गई थी, जबकि आरएसवी के मामले 5 और कोविड के 2.4 रहे। 1 जुलाई से अब तक कैलिफोर्निया में फ्लू से जुड़ी कम से कम 561 मौतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से ज्यादातर 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की थीं। इसके अलावा, इस सीजन में 10 बच्चों की भी फ्लू से मौत हुई, जबकि इसी दौरान कोविड से केवल 3 बच्चों की मौत हुई।

पूरे अमेरिका में 2024-25 फ्लू सीजन में अब तक अनुमानित 2.9 करोड़ लोग फ्लू से संक्रमित हो चुके हैं, 3.7 लाख अस्पताल में भर्ती हुए हैं, और 16,000 लोगों की मौत हो चुकी है। विशेषज्ञों को चिंता है कि इस साल फ्लू के दो अलग-अलग प्रकार – एच1एन1 और एच3एन2 – एक साथ फैल रहे हैं, जिससे लोगों में बार-बार संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।

फ्लू के गंभीर मामलों में कई जटिलताएं देखी जा रही हैं, जिनमें एक खतरनाक मस्तिष्क रोग एक्यूट नेक्रोटाइजिंग एन्सेफैलोपैथी (एएनई) शामिल है, जो खासतौर पर बच्चों में पाया जा रहा है और जिसकी मृत्यु दर लगभग 50 है।

कैलिफोर्निया के अस्पतालों में स्थिति कोविड महामारी के चरम दौर जैसी हो गई है। आईसीयू फ्लू से पीड़ित निमोनिया और सांस की गंभीर समस्याओं वाले मरीजों से भरे हुए हैं।

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि फ्लू के बाद कई मरीज एमआरएसए निमोनिया से ग्रसित हो रहे हैं, जो फेफड़ों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। एमआरएसए एक ऐसा बैक्टीरिया है, जिस पर कई एंटीबायोटिक्स बेअसर हैं।

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि अभी भी टीका लगवाने का सही समय है। हालांकि टीका हर संक्रमण को रोक नहीं सकता, लेकिन यह गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने के खतरे को काफी हद तक कम कर सकता है।

विशेषज्ञों का अनुमान है कि फ्लू के मामले अगले एक से डेढ़ महीने तक ऊंचे स्तर पर बने रह सकते हैं। इसके अलावा, वसंत ऋतु में इन्फ्लूएंजा बी के एक और लहर की संभावना है। ऐसे में, टीकाकरण और बचाव के उपाय अपनाने की सख्त जरूरत बनी हुई है।

 

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