पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान देश में गरीबी उन्मूलन के लिए चीन मॉडल से सीख लेगा. पाकिस्तान के पूर्वी शहर लाहौर में एक आश्रय गृह के उद्धाटन के दौरान प्रधानमंत्री इमरान ने कहा कि चीन ने बीते तीन दशकों में 70 करोड़ से ज्यादा लोगों को गरीबी की श्रेणी से बाहर निकालने का कार्य किया है. यह दुनिया के इतिहास में एक अद्वितीय उपलब्धि है और पाकिस्तान इससे सबक लेगा.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान इस महीने की शुरुआत में चीन के आधिकारिक दौरे पर गए थे. इमरान खान ने कहा कि सरकार पहले ही चीनी पक्ष से पाकिस्तान में गरीबी घटाने के लिए एक व्यापक रणनीति बनाने व निवेश को लेकर वार्ता शुरू कर चुकी है.
इमरान खान ने कहा, “मेरी सरकार जल्द ही गरीब लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए देश के इतिहास में पहली बार एक गरीबी उन्मूलन पैकेज की शुरुआत करेगी.” उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए समन्वित प्रयास किए जाएंगे.
बता दें कि पाकिस्तान और चीन एक बार फिर और करीब आए हैं. चीन द्वारा पाकिस्तान को हर संभव मदद मुहैया कराने के बीच ही दोनों देशों के बीच अब बस सेवा भी शुरू हो गई है. यह बस सेवा पाकिस्तान के लाहौर से चीन के काशगर तक के लिए है. बता दें कि भारत ने इस पर कई बार आपत्ति जताई थी. लेकिन इसकी अनदेखी करते हुए पाकिस्तान और चीन ने गुलाम कश्मीर के रास्ते बस सेवा की शुरुआत कर दी. यह बस अपने पहले सफर पर 5 नवंबर की रात को रवाना भी हो चुकी है.
बताया जा रहा है कि 60 अरब डॉलर के महत्वाकांक्षी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के तहत सड़क संपर्क स्थापित करने के उद्देश्य से यह बस सेवा शुरू की गई है. हालांकि भारत ने गुलाम कश्मीर के रास्ते बस सेवा शुरू करने पर चीन और पाकिस्तान से कड़ी आपत्ति जताई थी. इसके बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने बस सेवा का बचाव करते हुए कहा था कि इस्लामाबाद के साथ उसके सहयोग का क्षेत्रीय विवाद से कोई लेना-देना नहीं है.
चीन ने इस पर यह भी स्पष्ट किया था कि इस बस सेवा के शुरू होने से कश्मीर पर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आएगा. पाकिस्तान ने भारत की आपत्ति को खारिज कर दिया था. दोनों देशों के बीच 2015 में सीपीईसी योजना शुरू हुई थी. इसके तहत दोनों देशों के बीच सड़क और रेल संपर्क स्थापित करना भी शामिल है.