प्रधानमंत्री ने तोड़ा प्रोटोकॉल
अमीर अल-थानी सोमवार (17 फरवरी) को नई दिल्ली पहुंचे थे. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर खुद उनका स्वागत करने एयरपोर्ट पहुंचे थे. पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट गए थे. अल थानी दो दिन के लिए भारत आए हैं. उनकी भारत यात्रा का मकसद द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है. 2024 के अंत में विदेश मंत्री एस जयशंकर कतर गए थे. उन्होंने इस दौरान, कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी से मुलाकात की थी. एक साल के भीत उनकी ये चौथी कतर थी.
कतर भारत के लिए क्यों खास हैं?
एक्सपर्ट्स की मानें तो अमेरिका में ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद से यूरोप से लेकर मिडिल ईस्ट तक अनिश्चितता का माहौल है. ट्रंप कब क्या फैसला ले लें किसी को कोई जानकारी नहीं है. अपने पिछले कार्यकाल में ट्रंप ईरान के खिलाफ काफी ज्यादा कड़क थे. इस वजह से भारत अपनी ऊर्जा की जरूरत को पूरा करने के लिए कतर को सुरक्षित विकल्प के तौर पर देख रहा है. बता दें, कतर भारत का सबसे बड़ा एलएनजी सप्लायर है. भारत की जरुरत का 50 प्रतिशत एलएनजी कतर से आता है.
कतर में 15 हजार भारतीय कंपनियां
कतर के चैंबर ऑफ कॉमर्स की मानें तो कतर में 15 हजार से ज्यादा भारतीय कंपनियां हैं. इनमें महिंद्रा, टीसीएस और लार्सन एंड टुर्बो जैसी कंपनियां शामिल हैं. कतर में आठ लाख से अधिक भारतीय रहते हैं, वे कतर में लेबर, फाइनेंस, मेडिकल, एजुकेशन और इंजीनियरिंग सहित अन्य क्षेत्रों में काम कर रहे हैं.