कोयंबटूर/ (शाश्वत तिवारी)। जॉर्जिया इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (जीआईएसीसी) के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने ‘वैश्विक बाजार में कोयंबटूर एमएसएमई को सशक्त बनाना’ शीर्षक से एक प्रमुख व्यापार सम्मेलन के लिए कोयंबटूर का दौरा किया। कोयंबटूर जिला लघु उद्योग संघ (सीओडीआईएसएसआईए) द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), भारत सरकार के सहयोग से आयोजित चार दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करना है।
दोनों देशों के प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाते हुए, सम्मेलन ने व्यापार सहयोग के विस्तार पर सार्थक चर्चा की। जीआईएसीसी प्रतिनिधिमंडल में कॉर्पोरेट कानूनी सेवाओं, रियल एस्टेट, निर्यात-आयात लॉजिस्टिक्स, दूरसंचार, प्रौद्योगिकी और बैंकिंग जैसे विभिन्न उद्योगों के विशेषज्ञ शामिल थे। इसमें जॉर्जिया के सरकारी अधिकारियों ने भी भाग लिया और इस दौरान द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया। अटलांटा में स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा सम्मेलन का उद्देश्य कोयंबटूर और उसके बाहर एमएसएमई के लिए नए व्यावसायिक अवसर पैदा करना है। दूतावास ने बताया कि चर्चाओं और नेटवर्किंग सत्रों ने रणनीतिक व्यावसायिक साझेदारी को सुगम बनाया, जिससे दीर्घकालिक सहयोग का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
इस आयोजन का एक मुख्य आकर्षण जीआईएसीसी और कोडिसिया (सीओडीआईएसएसआईए) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना था, जो अमेरिकी बाजार में नीलगिरी उत्पादों को पेश करने पर केंद्रित था। यह पहल विदेश मंत्रालय द्वारा छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) को उनकी वैश्विक पहुंच बढ़ाकर समर्थन देने के प्रयासों के अनुरूप है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रतिनिधिमंडलों के साथ सक्रिय जुड़ाव के माध्यम से, विदेश मंत्रालय एवं विदेशों में स्थित भारतीय मिशन तमिलनाडु के उद्योगों के लिए निरंतर वैश्विक बाजार में पनपने के लिए नए मार्ग खोल रहे हैं, जिससे सीमा पार व्यापार तथा आर्थिक साझेदारी को सक्षम करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को और मजबूती मिल सके।