बैंक ने दावा करते हुए बताया कि निदेशकों और गारंटीदाताओं द्वारा दावेदारों के पैसे का गबन किया गया। यह कर्ज उन योजनाओं के लिए लिया गया जिसमें शुरू से ही धोखाधड़ी की गई। पीएनबी का कहना है कि उसने 2011-2014 के बीच अमेरिका में पंजीकृत चार कंपनियों को कई डॉलरों में कर्ज दिया। यह सभी कंपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में काम कर रही हैं। जिनके नाम साउथ ईस्टर्न पेट्रोलियम एलएलसी (एसईपीएल), पेस्को बीम यूएसए, त्रिशे विंड और त्रिशे रिसोर्सिज हैं।
एसईपीएल पर 17 मिलियन डॉलर की देनदारी है। इसमें से 10 मिलियन डॉलर पीएनबी के तो 7 मिलियन बैंक ऑफ बड़ौदा के हैं। बैंक का कहना है कि एसईपीएल के पास फिलहाल पैसों की कमी हो सकती है क्योंकि वह अपना व्यापार समेटने में लगी हुई है। पेस्को बीम पर 13 मिलियन डॉलर की देनदारी है। इसके प्रबंध संचालक ए सुब्रमण्यम स्वामी और उनके भाई अनंतराम शंकर पर मामला दर्ज किया गया है। त्रिशे विंड पर 10 मिलियन की और त्रिशे रिसोर्सिज पर 3 मिलियन डॉलर की देनदारी है। त्रिशे रिसोर्सिज के मालिक वत्सल रंगनाथन, रामखुमर नरसिम्हन और रवि श्रीनिवासन पर मामला दर्ज किया गया है। यह सभी चेन्नई में रहते हैं। इससे पहले भारत में हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी और नीरव मोदी बैंक को करोड़ों रुपये का चूना लगा चुका हैं।