पीएम मोदी ने महाकुंभ भगदड़ को बताया दुखद, कहा- मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।

उन्होंने सीएम योगी से फोन पर हुई बातचीत के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा, स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है। इस सिलसिले में मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत की है और मैं लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हूं।

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ हादसे को लेकर मीडिया से बात की थी।

सीएम योगी ने कहा, महाकुंभ मेला क्षेत्र में मची घटना को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से चार बार फोन पर बात हुई है। प्रयागराज में भीड़ का भारी दबाव है और जो घटना घटी है, वह बैरिकेड को फांदने के कारण हुई है। फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं। प्रशासन सबके सहयोग के लिए तत्पर है।

उन्होंने श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने की अपील की। बोले, मैं लोगों से अपील करूंगा कि वह प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अफवाहों पर ध्यान न दें। आज करीब 9 से 10 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज में हैं। मैं सभी से कहूंगा कि वह जिस भी घाट पर हैं, वहीं स्नान करें। संगम नोज पर स्नान जरूरी नहीं हैं, सभी श्रद्धालु वहां जाने से बचें। सकुशल स्नान कराना हमारी प्राथमिकता है। प्रयागराज में भीड़ का भारी दबाव है, इसलिए पहले श्रद्धालु स्नान करेंगे और उसके बाद ही संत स्नान करेंगे।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, विभिन्न अखाड़ों के संतों ने विनम्रतापूर्वक कहा है कि श्रद्धालु पहले पवित्र स्नान करें और भीड़ कम होने पर अखाड़े पवित्र स्नान के लिए आगे बढ़ेंगे। संगम नोज, नाग वासुकी मार्ग और संगम मार्ग पर काफी भीड़ है। मेरी श्रद्धालुओं से अपील है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। पूरे कुंभ क्षेत्र में घाट बनाए गए हैं, श्रद्धालुओं को सिर्फ संगम नोज की ओर जाने की जरूरत नहीं है। श्रद्धालुओं को अपने नजदीकी घाटों पर पवित्र स्नान करना चाहिए। हम घायल व्यक्तियों का उचित उपचार सुनिश्चित कर रहे हैं। रेलवे ने प्रयागराज क्षेत्र के विभिन्न स्टेशनों से श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक वापस ले जाने के लिए विशेष रेलगाड़ियों का आयोजन किया है।

बता दें कि गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के पवित्र संगम से लगभग एक किलोमीटर दूर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब बैरिकेड्स टूट गए और इसके कारण भीड़ में भगदड़ मच गई।

 

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