मौनी अमावस्या पर विशेष इंतजाम, संगम नोज पर भीड़ नियंत्रित करने को उठाए जाएंगे कदम

महाकुम्भ। महाकुम्भ में मौनी अमावस्या अमृत स्नान के अवसर पर श्रद्धालुओं के सुचारू यातायात और सुरक्षित मूवमेंट के लिए मेला प्रशासन की ओर से व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए मेला प्रशासन ने सेक्टर लेवल पर श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के निर्देश दिए हैं। इसमें स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि जिस सेक्टर या जोन में श्रद्धालु आ रहे हैं उसी सेक्टर या जोन से उन्हें वापस भेजा जाए। किसी भी सूरत में उन्हें संगम नोज या किसी अन्य जोन में न जाने दिया जाए। सभी एडीएम, एडिशनल एसपी, सीओ, एसडीएम और सेक्टर मजिस्ट्रेट को उनके कार्यक्षेत्र में रहकर सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

श्रद्धालुओं की आवाजाही पर नियंत्रण का प्रयास

मौनी अमावस्या महाकुम्भ का सबसे प्रमुख पर्व है। महाकुम्भ में।सारी व्यवस्थाएं इसी पर्व को ध्यान में।रखकर की जाती हैं। इस बार योगी सरकार ने महाकुम्भ को पहले से कहीं भव्य और दिव्य बनाने का जो प्रयास किया है, उसको देखते हुए भरी संख्या में मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की प्रयागराज में मौजूदगी की संभावना है। सभी को सुविधा के साथ सुगम स्नान कराना मेला प्रशासन की प्राथमिकता है। इसी को देखते हुए निर्देश दिए गए हैं कि हर सेक्टर और जोन में आने वाले श्रद्धालु अपने गंतव्य स्थान पर उसी जोन से प्रस्थान करें। संगम नोज या अन्य जोन पर 27-29 जनवरी को मूवमेंट कम से कम रखा जाए। लोगों की सुविधा के लिए 12 किमी लंबे घाट का निर्माण किया गया है। उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है कि जिस घाट पर वो पहुंच रहे हैं, वहीं स्नान करें और फिर वहीं से वापस लौट जाएं। घाटों पर भीड़ न जमा हो, इसके लिए इवैक्युएशन गैंग तैयार की जाएगी। घाटों से भीड़ की सुरक्षित निकासी प्राथमिकता होगी।

बैरिकेटिंग और संसाधन व्यवस्था

इसके अलावा, हार्ड बैरियर और बैरिकेट्स पर शत-प्रतिशत नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक संसाधन जैसे रस्से, लाउड हेलर, सीटी, उड़न दस्ते और वॉच टावर की टीमें तैनात की जाएंगी। इन स्थानों पर केन्द्रीय बलों की उपस्थिति और उचित समन्वय पर जोर दिया जाएगा। संस्थानों को होल्डिंग एरिया के रूप में उपयोग करने और जरूरत पड़ने पर अस्थाई पार्किंग क्षेत्रों के विकास के भी निर्देश दिए गए हैं और साथ ही भीड़ नियंत्रण के लिए संस्थानों में रात्रि ठहराव की व्यवस्था की जाएगी। घाटों की अवस्थापना व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जा रहा है। कासा, पुआल, बोरे, रिवर बैरिकेडिंग, जल पुलिस, वॉच टावर, लाइटिंग, साइनेज, शौचालय, चेंजिंग रूम और सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

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