लखनऊ, 15 जनवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में महिला एवं बाल विकास विभाग ने बच्चों के संरक्षण, पुनर्वास, और आत्मनिर्भरता की दिशा में अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। मिशन वात्सल्य के तहत राज्य में 132 राजकीय संस्थाओं और विशेषीकृत सेवाओं के माध्यम से बच्चों को एक सुरक्षित और सशक्त भविष्य प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही साइकोसोशल काउंसलिंग से बच्चों को बेहतर मार्गदर्शन दिया जा रहा है।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित मिशन वात्सल्य के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 128 बच्चों को दत्तक ग्रहण के माध्यम से पुनर्वासित किया गया। इन बच्चों को नए परिवार और बेहतर जीवन का अवसर प्रदान कर, उनके भविष्य को एक नई दिशा दी गई है। इस पहल से न केवल बच्चों को स्थायी घर मिला है, बल्कि समाज में दत्तक ग्रहण की संस्कृति को भी बढ़ावा मिला है।
स्पॉन्सरशिप और फॉस्टर केयर से सपनों को मिल रही नई उड़ान
बच्चों के जीवन में बदलाव लाने के लिए स्पॉन्सरशिप और फॉस्टर केयर कार्यक्रमों को प्रभावी रूप से लागू किया गया है। अब तक 10,659 बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना से लाभान्वित किया गया है। इसके अलावा, 11 बच्चों को फॉस्टर केयर के तहत देखभाल और संरक्षण दिया गया है। ये प्रयास बच्चों को आत्मनिर्भर बनने और समाज में अपनी पहचान स्थापित करने का अवसर प्रदान कर रहे हैं। वहीं बाल विवाह के खिलाफ राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। राज्य स्तरीय निगरानी समिति और जनपद स्तरीय टास्क फोर्स के प्रयासों से इस वर्ष 200 से अधिक संभावित बाल विवाहों को रोका गया है। बाल विवाह अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नए नियम भी तैयार किए जा रहे हैं। यह कदम न केवल बेटियों के भविष्य को सुरक्षित कर रहा है, बल्कि समाज में जागरूकता भी फैला रहा है।
साइकोसोशल काउंसलिंग से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान
राजकीय गृहों में निवासरत बच्चों की मानसिक और भावनात्मक स्थिति सुधारने के लिए स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से साइकोसोशल काउंसलर नियुक्त किए गए हैं। यह पहल बच्चों को मानसिक तनाव से उबरने, अपने जीवन के लक्ष्यों को पहचानने और आत्मनिर्भर बनने में मदद कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों के संरक्षण और आत्मनिर्भरता को सरकार की प्राथमिकता में शामिल किया है। मिशन वात्सल्य के तहत आधुनिक तकनीक, कौशल विकास और रोजगार से जुड़ी सुविधाओं के माध्यम से बच्चों को न केवल सुरक्षा दी जा रही है, बल्कि उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक अवसर भी प्रदान किए जा रहे हैं।