तालिबान के विदेश मंत्री ने इस दौरान मानवीय सहायता देने के लिए भारत का धन्यवाद किया. तालिबान भारत के साथ महत्वपूर्ण आर्थिक देश के रूप में संबंध बनाकर रखना चाहता है. भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के रिश्ते बहुत ऐतिहासिक हैं. भारत ने बीते साढ़े तीन वर्षों में अफगानिस्तान को मानवीय सहायता प्रदान की है. भारत ने अफगानिस्तान में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में मदद करने की इच्छा जताई है.
‘अफगानिस्तान से भारत को कोई डर नहीं’
बैठक के दौरान, तालिबान के विदेश मंत्री ने भारत को आश्वस्त किया कि अफगानिस्तान की ओर से भारत को किसी भी प्रकार का खतरा नहीं होगा. खास बात है कि ये आश्वासन ऐसे समय पर दिया गया है, जब अफगानिस्तान और पाकिस्तान युद्ध के मोड़ पर खरे हैं.
व्यापार और वीजा सहित तालिबान ने की ये मांग
दोनों देशों ने चाबहार पोर्ट की मदद से व्यापार बढ़ाने पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि ये पोर्ट भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापारिक संबंधों को और बढ़ाने पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. तालिबान ने छात्रों, मरीजों और व्यापारियों के लिए वीजा संबंधित सुविधाओं को बढ़ाने की मांग की. तालिबान द्वारा बैठक के बाद जारी हुए बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने व्यापार और वीजा सुविधा को आसान बनाने के लिए एकराय हुए हैं.
पाकिस्तान की बढ़ी चिंता
भारत और तालिबान के बीच हुई बैठक से पाकिस्तान की चिंताएं बढ़ सकती हैं. वह भी ऐसे वक्त पर जब अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा विवादों को लेकर तनाव है. तालिबान ने हाल में पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर अटैक किए थे. दोनों देशों में इस वजह टेंशन बढ़ गई है.