एनारॉक ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में कुल 59 अल्ट्रा-लग्जरी घर बिके हैं। इसमें से 17 घरों की कीमत 100 करोड़ रुपये से अधिक थी। बेचे गए इन 17 घरों का कुल मूल्य 2,344 करोड़ रुपये था।
2023 में 58 अल्ट्रा-लक्जरी घर बेचे गए, जिनका कुल बिक्री मूल्य लगभग 4,063 करोड़ रुपये था।
2024 में बेचे गए कुल 59 अल्ट्रा-लग्जरी घरों में से 53 अपार्टमेंट थे और सिर्फ छह सौदे बंगलों के थे। 2024 में कम से कम 17 सौदे 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के थे, जिसमें से 16 मुंबई में और एक दिल्ली-एनसीआर (गुरुग्राम) में था।
मुंबई में 52 अल्ट्रा-लग्जरी रेजिडेंशियल डील हुई हैं, जो कुल सौदों का 88 प्रतिशत हिस्सा था।
दिल्ली-एनसीआर में तीन अल्ट्रा-लग्जरी डील हुई हैं, जिसमें से दो गुरुग्राम और एक दिल्ली में थी। हैदराबाद और बेंगलुरु प्रत्येक में दो-दो डील हुई है। ये सभी डील 40 करोड़ रुपये से अधिक की थी।
एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि इस साल देश के शीर्ष शहरों में अल्ट्रा-लग्जरी घरों की मांग में इजाफा देखने को मिला और इस कारण डील और वैल्यू में इजाफा देखने को मिला।
उन्होंने आगे कहा कि महामारी के बाद देश में लग्जरी और अल्ट्रा-लग्जरी घरों की मांग में बढ़त हुई है। एचएनआई और अल्ट्रा-एचएनआई निवेश और निजी उपयोग दोनों के लिए अल्ट्रा-लग्जरी घरों को खरीद रहे हैँ।
रिपोर्ट में बताया गया कि इनपुट लागत में वृद्धि और मजबूत मांग के कारण घर की कीमतें देश भर में बढ़ रही हैं। 2023 की तुलना में 2024 में लेन-देन की संख्या में केवल एक इकाई की वृद्धि हुई थी, उसी अवधि के दौरान मूल्य में 17 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि हुई थी। अपार्टमेंट स्पष्ट रूप से अल्ट्रा-एचएनआई के लिए पसंदीदा संपत्ति का प्रकार बने रहे।
पुरी ने कहा, कुछ सबसे प्रमुख ग्रेड ए डेवलपर्स बढ़ती मांग को देखते हुए अल्ट्रा-लग्जरी इन्वेंट्री बढ़ा रहे हैं।