जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को चिकित्सकीय जांच के बाद पटना सिविल कोर्ट में पेश किया गया। उन्हें सिविल कोर्ट ने 25 हजार रुपए के निजी मुचलके के बाद जमानत दे दी। हालांकि, प्रशांत किशोर सशर्त जमानत को तैयार नहीं हैं।
प्रशांत किशोर के वकील शिवानंद गिरी ने बताया कि अदालत से जमानत मिल गई है। लेकिन, प्रशांत किशोर सशर्त जमानत लेने के लिए तैयार नहीं हैं। प्रशांत किशोर पीआर बॉन्ड पर साइन नहीं कर रहे हैं।
दरअसल, अदालत ने कहा है कि वह आगे से ऐसा कोई भी काम नहीं करेंगे, जिसकी वजह से आम लोगों को दोबारा परेशानियों का सामना करना पड़े। इसका प्रशांत किशोर विरोध कर रहे हैं।
इससे पहले पटना के गांधी मैदान में बापू की प्रतिमा के समीप प्रशांत किशोर अपने समर्थकों और छात्रों के साथ बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने सहित पांच सूत्री मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे थे। उन्हें जिला प्रशासन ने प्रतिबंधित क्षेत्र होने का हवाला देते हुए नोटिस दिया था।
जिला प्रशासन के मुताबिक, संबंधित अधिकारियों के बार-बार अनुरोध के बावजूद, वह नहीं हटे। जिला प्रशासन ने धरने को राजधानी पटना के गर्दनीबाग इलाके में स्थानांतरित करने के लिए नोटिस भी दिया था, जो विरोध प्रदर्शन के लिए निर्धारित स्थल है। जब प्रशांत किशोर अपनी बातों पर अड़े रहे तो सोमवार को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
इसके अलावा भी 43 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है, जिनकी पहचान की जा रही है। पहचान के दौरान कई लोग अन्य राज्यों के भी पाए गए हैं।
प्रतिबंधित क्षेत्र होने के कारण प्रशासन ने धरना और आमरण अनशन को गैरकानूनी बताया था।