गाजा में जारी जंग के बीच सुलह की कोशिशें जारी, इजरायल सरकार का बड़ा बयान

गाजा। गाजा में इजरायली हमले कहर ढा रहे हैं और फिलिस्तीनी अपनी जान गंवा रहे हैं। हालांकि जंग के शोलों के बीच सुलह की कोशिशें धीमी गति से ही सही लेकिन जारी हैं। इजरायल सरकार की घोषणा और एक मीडिया रिपोर्ट इसी तरफ इशारा करती है।

इजरायल ने कहा है कि वह गाजा युद्धविराम समझौते पर चर्चा के लिए अगले सप्ताह वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल कतर भेजेगा।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बयान कहा कि मोसाद, शिन बेट और आईडीएफ (इज़राइल रक्षा बल) के अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल वार्ता जारी रखने के लिए दोहा की यात्रा करेगा।

इस सप्ताह की शुरुआत में, इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले कान टीवी ने दावा किया था कि हमास ने एक सप्ताह के युद्ध विराम का प्रस्ताव रखा है। फिलिस्तीनी ग्रुप का कहना है कि इस दौरान वह गाजा में मौजूद बंधकों के ठिकानों का पता लगाएगा और उन लोगों की सूची प्रदान करेगा जिन्हें रिहा किया जा सकता है।

इजरायल ने आधिकारिक तौर पर इस प्रस्ताव पर कोई टिप्पणी नहीं की।

बता दें कतर, मिस्र और संयुक्त राज्य अमेरिका की मध्यस्थता में वार्ता एक साल से अधिक समय से चल रही है।

इससे पहले बुधवार को इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक सख्त चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अगर हमास बंधकों की रिहाई के लिए जल्द किसी समझौते पर सहमत नहीं होता है तो इजरायल गाजा में अपने सैन्य अभियान को तेज कर देगा।

गैलेंट ने एक सार्वजनिक बयान में कहा कि अगर हमास इजरायली बंधकों की रिहाई की अनुमति देने में नाकाम रहता है, तो फिलिस्तीनी ग्रुप को गाजा में तेज हमलों का सामना करना होगा जो लंबे समय से नहीं देखे गए।

इस बीच गाजा पट्टी पर इजरायली हवाई हमलों में कम से कम 71 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एन्क्लेव के पुलिस बल के प्रमुख और उनके डिप्टी भी शामिल हैं।

अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक गाजा के सरकारी मीडिया कार्यालय ने बताया कि इजरायली सेना ने गुरुवार को 30 से अधिक हमले किए। इनमें अल-मवासी के तथाकथित मानवीय क्षेत्र और उत्तरी गाजा के जबालिया शरणार्थी शिविर पर भी अटैक हुआ।

मीडिया कार्यालय ने एक बयान में कहा, इजरायली एयर स्ट्राइक में नागरिकों और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक चिकित्सा सूत्रों ने बताया कि गाजा के पुलिस बल के प्रमुख महमूद सलाह और उनके डिप्टी हुसाम शाहवान उन 12 लोगों में शामिल थे, जो अल-मवासी में एक टेंट शिविर पर हुए हमले में मारे गए।

सलाह एक अनुभवी अधिकारी थे। उन्होंने पुलिस में 30 साल बिताए थे और करीब छह साल तक इसके प्रमुख रहे।

 

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