यह टूर्नामेंट में दूसरी बार था जब पंजाब ने 400 रन का आंकड़ा पार किया, इससे पहले प्रतियोगिता में सौराष्ट्र के खिलाफ उन्होंने पांच विकेट पर 424 रन बनाए थे।
पंजाब की पारी की नींव सलामी बल्लेबाज प्रभसिमरन सिंह ने रखी, जिनकी शानदार शतकीय पारी (137) आक्रामक बल्लेबाजी की मिसाल थी। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने अपनी पारी में 20 चौके और तीन छक्के लगाए और हैदराबाद के गेंदबाजी आक्रमण को आसानी से ध्वस्त कर दिया।
उनकी पारी ने पंजाब को धमाकेदार शुरुआत दिलाई, क्योंकि उन्होंने और अभिषेक शर्मा ने ओपनिंग विकेट के लिए 196 रनों की विशाल साझेदारी की।
प्रभसिमरन ने जहां सुर्खियां बटोरीं, वहीं उनके ओपनिंग पार्टनर अभिषेक ने तेज अर्धशतक (93) के साथ अहम भूमिका निभाई। शर्मा की पारी में बाउंड्री लगी हुई थी, क्योंकि उन्होंने पावरप्ले के दौरान प्रभसिमरन के स्ट्रोक का मुकाबला किया, जिससे पंजाब ने शुरुआती बढ़त हासिल कर ली।
जैसे-जैसे पारी आगे बढ़ी, मध्यक्रम ने सलामी बल्लेबाजों द्वारा बनाए गए मंच का फायदा उठाया। रमनदीप सिंह (80) और नेहल वढेरा (35) ने पारी को शानदार तरीके से समाप्त किया।
रमनदीप के तेज अर्धशतक ने रस्सियों को साफ करने की उनकी क्षमता को दिखाया, जबकि वढेरा ने स्ट्राइक रोटेट करने और हैदराबाद के गेंदबाजों पर दबाव बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
दोनों ने अंत में शानदार बल्लेबाजी की और पंजाब को 426 रनों के विशाल स्कोर तक पहुंचाया, जिससे हैदराबाद के सामने एक कठिन चुनौती खड़ी हो गई।