भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के रवीन्द्र भवन में आज चार दिवसीय 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आगाज होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इसका शुभारंभ करेंगे। इसमें देशभर के 700 से अधिक युवा वैज्ञानिक, उनके शिक्षक और मेंटर हिस्सा लेंगे। साथ ही बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), कुवैत, ओमान और सऊदी अरब जैसे छह खाड़ी देशों के बाल वैज्ञानिक भी अपनी प्रस्तुति देंगे।विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक अनिल कोठारी ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करना और उन्हें विज्ञान, नवाचार और तकनीकी क्षेत्र में योगदान करने के लिए प्रेरित करना है। इस वर्ष राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का मुख्य विषय “स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को समझना” है। इस विषय को पांच उप-विषयों में विभाजित किया गया है, जिनमें पारिस्थितिकी तंत्र की समझ, पोषण व स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, आत्मनिर्भरता के लिए पारिस्थितिकी दृष्टिकोण, तकनीकी नवाचार और सामाजिक-सांस्कृतिक प्रथाएं शामिल हैं।कोठारी ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान कई आकर्षक गतिविधियां और प्रदर्शनी आयोजित होंगी, जिनमें चंद्रयान मिशन प्रदर्शनी, वॉटर रॉकेटरी, रोबोटिक्स, हाइड्रोपोनिक्स, पर्यावरण सांप-सीढ़ी, चीता संरक्षण प्रदर्शनी और वैज्ञानिक जागरुकता पर आधारित लोकगीत शामिल हैं। देश के प्रमुख वैज्ञानिक जैसे डॉ. चेतन सोलंकी (आईआईटी मुंबई), डॉ. नंद कुमार (एम्स दिल्ली) और डॉ. चैतन्य पूरी (आईआईएसईआर पुणे) छात्रों के साथ संवाद करेंगे।उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बाल विकास कांग्रेस एक राष्ट्रीय विज्ञान संचार कार्यक्रम है। इसकी शुरुआत 1993 में हुई थी। यह भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत संचालित एक मंच है, जो 10-17 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने, रचनात्मकता और नवाचार प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है।वराह मिहिर वेधशाला के ऑटोमेशन का उद्घाटन भी होगामुख्यमंत्री डॉ. यादव वराह मिहिर खगोलीय वेधशाला के ऑटोमेशन का उद्घाटन भी करेंगे। इससे विज्ञान और खगोल विज्ञान के क्षेत्र में मध्य प्रदेश को नई पहचान मिलेगी। ऑटोमेशन होने से आम नागरिक अब घर बैठे ही वेधशाला के टेलीस्कोप का उपयोग कर सकेंगे।