हिंसा के मद्देनजर शांति और एकता की अपील करते हुए बीरेन सिंह ने कहा कि स्थिति को संभालने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए गए हैं।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, इंफाल पूर्व के सनसाबी और थमनापोकपी में कुकी आतंकवादियों की ओर से की गई अंधाधुंध गोलीबारी की कड़ी निंदा करता हूं, जिसमें नागरिक और सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। निर्दोष जिंदगियों पर यह कायरतापूर्ण और अकारण हमला शांति और सद्भाव पर हमला है।
उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा, प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त सुरक्षाकर्मी भेजे गए हैं। घायलों को आवश्यक चिकित्सा सहायता मिल रही है, और सरकार ऐसी चुनौतियों का सामना करने के लिए शांति और सद्भाव का आह्वान करती है। ऐसी स्थितियों से निपटते समय केंद्रीय बलों और राज्य पुलिस को उचित समन्वय और समझ होनी चाहिए।
शुक्रवार को सशस्त्र समूहों के साथ गोलीबारी के दौरान एक पुलिस अधिकारी सहित दो लोग घायल हो गए। हिंसा तब भड़की जब पहाड़ों से हथियारबंद लोगों ने जिले के सनसाबी और थमनापोकपी गांवों पर बंदूक और बम से हमला किया। सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की।
सनसाबी गांव में झड़प के दौरान दो लोग घायल हो गए। वहीं 37 वर्षीय पुलिस अधिकारी के हरिदास को बाएं कंधे में गोली लगी, जिसके बाद उन्हें जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान ले जाया गया।
हमले के कारण अफरा-तफरी मच गई और स्थानीय लोग अपनी जान बचाने के लिए भाग गए।
मणिपुर उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश सिद्धार्थ मृदुल ने बीते मंगलवार को कहा, जब भी मणिपुर में स्थिति बेहतर होती दिखती है, तो नई हिंसा भड़क जाती है। मुझे लगता है कि कुछ ताकतें बाहरी हैं, आंतरिक नहीं। अगर ये ताकतें बाहरी भी हैं तो स्थानीय स्तर पर उनके सहयोगी हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि मणिपुर को जलाने के एजेंडे को सख्ती से आगे बढ़ाया जाए।