महाकुंभ नगर। महाकुम्भ नगर में भक्ति और अध्यात्म की धारा प्रवाहित हो रही है। एक एक करके महा कुम्भ क्षेत्र में सनातन धर्म के सभी 13 अखाड़ों का प्रवेश हो रहा है। संन्यासियों के तीसरे अखाड़े श्री शंभू पंच दशनाम अग्नि अखाड़े ने छावनी क्षेत्र में प्रवेश किया। शहर के बीचों बीच से होकर गुजरी इस भव्य छावनी प्रवेश यात्रा का स्थानीय लोगों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा से स्वागत किया।
अग्नि अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा में दिखी वैदिक संस्कृति और प्रतीकों की झलक
महा कुम्भ नगर में अखाड़ा सेक्टर में गुरुवार को तीसरे संन्यासी अखाड़े का भी प्रवेश हो गया। श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़े ने पूरी भव्यता के साथ छावनी क्षेत्र में प्रवेश किया । अनंत माधव स्थित अग्नि अखाड़े के स्थानीय मुख्यालय से आरम्भ हुई इस भव्य छावनी प्रवेश यात्रा में वैदिक संस्कृति और प्रतीकों की झलक देखने को मिली। शंख ध्वनि और डमरू की थाप पर वैदिक मंत्रोच्चार ने यात्रा में वैदिक युग की अनुभूति प्रदान की। हाथी , घोड़े और ऊंट के काफिले पर सवार संतों के दर्शन के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा। अग्नि अखाड़े के राष्ट्रीय महामंत्री सोमेश्वरानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि प्रवेश यात्रा में पांच महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर के अलावा अखाड़े के हजारों संत और वेद विद्यार्थी शामिल हुए।
सबसे लंबी प्रवेश यात्रा में संतों के दर्शन के लिए उमड़ा शहर
अग्नि अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा अब तक सम्पन्न हुई सभी अखाड़ों की छावनी प्रवेश यात्रा में सबसे लंबी थी। चौफटका के अनंत माधव मंदिर से छावनी क्षेत्र पहुंची संतों की इस यात्रा ने 13 किलोमीटर का सफर तय किया। महा मंडलेश्वरों के रथों की सवारियों को देखने के लिए जैसे रास्तों में पूरा शहर उमड़ पड़ा। इस यात्रा आधा दर्जन ऊंट, 15 घोड़े, 60 रथ की व्यवस्था की गई है। फूलों के भव्य सिंहासन पर सवार संतों की सवारियों से पूरा क्षेत्र महक उठा।
माफिया अतीक अहमद के क्षेत्र से गुजरी यात्रा में जमकर हुई पुष्प वर्षा
अग्नि अखाड़े की प्रवेश यात्रा का एक तिहाई मार्ग ऐसा था जो शहर पश्चिमी में आता है। यहां एक वक्त माफिया अतीक अहमद का आतंक था जिसमें इस तरह की भव्य शोभा यात्राओं का आयोजन लोगों के लिए एक दिवास्वप्न होता था। जिस समय यह यात्रा उस इलाके से गुजरी तब स्थानीय लोगों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पूरे मार्ग को पाट दिया। स्थानीय नागरिक रघुनाथ साहू बताते हैं कि पूज्य संतो की इस भव्य यात्रा के दर्शन दशकों बाद हुए हैं। योगी जी का शासन न होता तो यह पुण्य अवसर भी इस क्षेत्र के लोगों को देखने को न मिलता।