पड़ोसी देश श्रीलंका में राजनीतिक संकट खत्म होने के संकेत मिले हैं। राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेन अगले हफ्ते संसद का सत्र बुला सकते हैं। संसद के स्पीकर कारू जयसूर्या के दफ्तर ने बुधवार को बताया कि राष्ट्रपति और अपदस्थ प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के बीच जारी गतिरोध को दूर करने के लिए एक सुलह का फॉर्मूला तैयार किया जा रहा है।
स्पीकर ने बुधवार की शाम राष्ट्रपति से बातचीत की और मौजूदा राजनीतिक संकट को खत्म करने के लिए उन्हें संसद का सत्र बुलाने की जरूरत को समझाने की कोशिश की। स्पीकर और राष्ट्रपति की यह बैठक अटॉर्नी जनरल जयंत जयसूर्या के उस फैसले के बाद हुई, जिसमें उन्होंने विक्रमसिंघे को बर्खास्त करने के राष्ट्रपति के फैसले का समर्थन करने से इनकार कर दिया था।
अटॉर्नी जनरल ने राजनीतिक हालात पर स्पीकर को भी सलाह देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि ऐसा करना उनके लिए उचित नहीं होगा। अटॉनी जनरल के इनकार को कुछ राजनीति विशेषज्ञों ने यह माना था कि वह विक्रमसिंघे को बर्खास्त करने को असंवैधानिक मान रहे हैं। संविधान के 19वें संशोधन के जरिये राष्ट्रपति से प्रधानमंत्री को बर्खास्त करने का अधिकार ले लिया गया था, बावजूद इसके सिरिसेन ने विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर दिया।
राष्ट्रपति ने शुक्रवार को विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया था। राष्ट्रपति के इस फैसले के विरोध में मंगलवार को हजारों विक्रमसिंघे समर्थकों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया। 225 सदस्यीय संसद में राजपक्षे की पार्टी के 93 सदस्य थे, लेकिन राजनीतिक उथल-पुथल के बीच उनकी पार्टी के साथ नौ सांसद जुड़ गए हैं और उनकी कुल संख्या 101 हो गई है। हालांकि, अभी भी राजपक्षे को बहुमत के लिए 12 सांसदों की जरूरत होगी।
संयुक्त राष्ट्र के दूत ने राष्ट्रपति से ताजा हालात पर चर्चा की
राजनीतिक गहमागहमी के बीच श्रीलंका में संयुक्त राष्ट्र के स्थानीय समन्वयक हान्ना सिंगर ने कोलंबो में राष्ट्रपति सिरिसेन से मुलाकात की और मौजूदा राजनीतिक संकट पर चर्चा की। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस के हालात पर चिंता जताए जाने के एक दिन बाद यह मुलाकात हुई। राष्ट्रपति ने उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार ने संविधान के अनुसार ही कदम उठाए हैं और लोकतांत्रिक ढांचे के तहत ही काम हो रहे हैं।
अमेरिका ने सभी पक्षों से कानून का सम्मान करने की अपील की
अमेरिका ने राजनीतिक गतिरोध खत्म करने के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति से संसद का सत्र बुलाने और सांसदों को अपनी सरकार का मुखिया चुनने का मौका देने की अपील की है। विदेश मंत्रालय के डिप्टी प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका का मानना है कि प्रधानमंत्री कौन होगा? इसका निर्धारण श्रीलंकाई कानून और उचित प्रक्रिया के जरिये होना चाहिए। सभी पक्षों को कानून और उचित प्रक्रिया का सम्मान करना चाहिए।