मुख्य सचिवों के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे प्रधानमंत्री
नई दिल्ली। देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिव आज और कल नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से रूबरू होंगे। प्रधानमंत्री मोदी 14 और 15 दिसंबर को नई दिल्ली में मुख्य सचिवों के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। भारत सरकार के पत्र एवं सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने सम्मेलन की पूर्व संध्या पर जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी।
पीआईबी की विज्ञप्ति के अनुसार, यह सम्मेलन केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझेदारी को और बढ़ावा देने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। मुख्य सचिवों का सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सहकारी संघवाद को मजबूत करने और त्वरित विकास एवं प्रगति हासिल करने की दिशा में केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से प्रेरित है।
विज्ञप्ति के अनुसार, यह सम्मेलन पिछले तीन वर्ष से लगातार हो रहा है। पहला सम्मेलन जून 2022 में हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में हुआ था। दूसरा और तीसरा सम्मेलन क्रमशः जनवरी 2023 और दिसंबर 2023 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया।
इस सम्मेलन में राज्यों के साथ साझेदारी में एक साझा विकास एजेंडा और सुसंगत कार्रवाई के लिए प्रारूप तैयार करने और उसे लागू करने पर बल दिया जाएगा। यह उद्यमिता को बढ़ावा देने, कौशल पहल को बढ़ाने और ग्रामीण एवं शहरी दोनों आबादी के लिए स्थायी रोजगार के अवसरों का सृजन करते हुए देश के जनसांख्यिकीय लाभांश का दोहन करने के लिए सहयोगी कार्रवाई के लिए आधार तैयार करेगा।
विज्ञप्ति के अनुसार, केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों, नीति आयोग, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और क्षेत्र विशेषज्ञों के बीच व्यापक विचार-विमर्श के आधार पर यह सम्मेलन ‘उद्यमिता, रोजगार और कौशल को बढ़ावा देना-जनसांख्यिकी लाभांश का लाभ उठाना’ विषय पर केंद्रित होगा। इसमें सर्वोत्तम कार्यप्रणाली और रणनीति को शामिल किया जाएगा। साथ ही छह क्षेत्रों पर विशेष जोर दिया जाएगा। इनके अन्तर्गत विनिर्माण, सेवा, ग्रामीण गैर-कृषि, शहरी, नवीकरणीय ऊर्जा और परिपत्र अर्थव्यवस्था को विस्तृत चर्चा के लिए चिह्नित किया गया है।
इसके अलावा विकसित भारत के लिए अग्रणी प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास केन्द्रों के रूप में शहरों का विकास, निवेश के लिए राज्यों में आर्थिक सुधार और मिशन कर्मयोगी के माध्यम से क्षमता निर्माण पर चार विशेष सत्र भी आयोजित किए जाएंगे। साथ ही भोजन के दौरान कृषि में आत्मनिर्भरता: खाद्य तेल और दालें, वृद्ध आबादी के लिए देखभाल अर्थव्यवस्था, पीएम सूर्य घर: नि:शुल्क बिजली योजना कार्यान्वयन और भारतीय ज्ञान परम्परा पर केंद्रित विचार-विमर्श किया जाएगा।