महाकुम्भनगर, 13 दिसंबर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 के सफल आयोजन के लिए बतौर प्रमुख यजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीर्थराज प्रयागराज स्थित बड़े हनुमान मंदिर में जाकर प्रभु हनुमान के श्रीविग्रह के आगे शीश झुकाकर विधिवत पूजन-अर्चन किया। ज्ञान-भक्ति, शक्ति व सर्व सिद्धि प्रदाता चिरंजीवी प्रभु हनुमान के समक्ष महाकुम्भ-2025 को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जलाचमन, सिंदूर-लाल चंदन, नैवेद्य व माला अर्पण कर सनातन शक्ति के जागरण का आह्वान किया। उन्होंने धूप-दीप अर्पण के साथ ही रुद्राक्ष की माला भी प्रभु बड़े हनुमान के श्रीचरणों में अर्पित की। यह सर्व विदित है कि प्रत्येक वर्ष प्रभु हनुमान के इस चमत्कारी विग्रह का स्वयं मां गंगा स्नान करती हैं। ऐसे में, महाकुम्भ-2025 के सफल आयोजन को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने भक्ति की शक्ति को जागृत करने का कार्य तीर्थराज प्रयागराज में पूजन-अर्चन के जरिए किया।
‘अगाध आस्था के अमृतकाल’ में सनातन शक्ति जागरण का माध्यम बना पूजन
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को बड़े हनुमान मंदिर में सनातन संस्कृति के प्राण प्रभु श्रीराम की शाश्वत भक्ति के प्रतिमान हनुमान के समक्ष प्रार्थना की। ‘अगाध आस्था के अमृतकाल’ में सनातन शक्ति के जागरण, सनातन मूल्यों की स्थापना व सकल विश्व में सनातन हितों की रक्षा के उद्देश्य को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने प्रार्थना की। बड़े हनुमान मंदिर में प्रभु हनुमान के श्रीचरणों में बैठकर बतौर प्रमुख अर्चक प्रधानमंत्री मोदी ने विधिवत तरीके से पूजन-अराधना पूर्ण की। इस दौरान बड़े हनुमान मंदिर के महंत तथा श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलबीर गिरि जी महाराज ने प्रधानमंत्री मोदी की अराधना प्रक्रिया को पूर्ण कराया। इस दौरान उन्होंने बड़े हनुमान को यज्ञोपवीत भी अर्पित किया और आरती उतारी। मंदिर की ओर से मोदी को प्रभु हनुमान के आशीर्वाद स्वरूप रुद्राक्ष की माला और अंगवस्त्र प्रदान किया गया।
मकरध्वज के भी होते हैं श्रीविग्रह में दर्शन
बड़े हनुमान मंदिर में स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा कई मायनों में विशिष्ट है। इस मूर्ति के दाहिने हाथ में गदा है। इससे काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मात्सर्य आदि विकारों को नष्ट करने का भाव लिया जाता है। मूर्ति के बाएं कंधे पर राम-लक्ष्मण हैं, जिससे हृदय में उनकी दृढ़ धारणा का भाव लिया जाता है। मूर्ति के दोनों नेत्र विशेष रूप से खुले हुए हैं जो जागृत होने और अधोगामी विचारों व प्रवृत्तियों से दूर रहने के भाव को प्रदर्शित करते हैं। दाएं पैर के पास उनके पुत्र मकरध्वज की मूर्ति है, जिन्हें अधोपाताल लोक का रक्षक बताया गया है। मकरध्वज के दर्शन एवं धारणा से अधोगामी विचारों से रक्षा होती है। बड़े हनुमान जी का बायां पैर उठा हुआ है जिसे अहिरावण वध तथा अधोलोक से ऊर्ध्व लोक में जाने और अधोगामी विचारों के शमन अथवा दमन की प्रेरणा से जोड़कर देखा जाता है।
पीएम ने कॉरीडोर का किया निरीक्षण, विभिन्न पहलुओं की ली जानकारी
प्रधानमंत्री मोदी ने बड़े हनुमान मंदिर के नवनिर्मित कॉरीडोर का भी निरीक्षण किया। इस कॉरीडोर में 38.19 करोड़ की लागत से पहले फेज का कार्य पूरा हो गया है। ऐसे में, उन्होंने 3डी मॉडल देखकर कॉरीडोर के लेआउट संबंधी विभिन्न पहलुओं की जानकारी ली। उन्होंने विशेषतौर पर महाकुम्भ के अवसर पर यहां दर्शन करने आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन कराने को लेकर हुए प्रयासों की जानकारी ली और समस्त प्रक्रियाओं की विवेचना की। इस दौरान प्रयागराज विकास प्राधिकरण के वीसी अमित पाल शर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी को ब्रीफ किया। बड़े हनुमान मंदिर पर पीएम मोदी के साथ ही पूजन-अर्चन प्रक्रिया में सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा डिप्टी सीएम केशव मौर्य व ब्रजेश पाठक उपस्थित रहे।