लखनऊ। उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और इसकी गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से गुरुवार को विधानपरिषद सभाकक्ष संख्या-80 में राज्य स्तरीय गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (एस.एल.क्यू.ए.सी.) की पहली बैठक आयोजित की गई। इस ऐतिहासिक बैठक की अध्यक्षता प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने की। बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर सहमति बनी और प्रदेश के उच्च शिक्षा तंत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए नई नीतियों और योजनाओं की रूपरेखा तैयार की गई।
बैठक में सभी शिक्षण संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता में और सुधार करते हुए नैक मूल्यांकन और एनआईआरएफ रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन करने हेतु वार्षिक योजना बनाने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही उच्च शिक्षा के लिए प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने हेतु राज्य स्तरीय कार्यकारिणी निकाय के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया। उच्च शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिया कि प्रकोष्ठ की बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाएं, ताकि शिक्षा क्षेत्र में सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें। उन्होंने कहा कि शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए ऑनलाइन कार्यशालाओं का आयोजन किया जाए और नए शिक्षकों को ऑफलाइन प्रशिक्षण प्रदान किया जाए।
चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के क्रियान्वयन पर विस्तार से चर्चा की गई। शैक्षणिक सत्र 2025-26 से राज्य के कॉलेजों के शोध प्रस्तावों को “समर्थ पोर्टल” के माध्यम से संचालित करने की योजना बनाई गई। इसके लिए समयबद्ध कार्य योजना और टाइमलाइन जारी करने पर भी सहमति बनी। साथ ही, प्रदेश में एकल प्रवेश प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया गया, जिससे छात्र ऑनलाइन माध्यम से ही सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रवेश ले सकेंगे।
बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की सिफारिशों के तहत प्रदेश के अर्ह महाविद्यालयों को यूजीसी स्वायत्त महाविद्यालय योजना के लिए प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया गया। सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को वार्षिक गतिविधि योजना, शैक्षणिक कैलेंडर, और संस्थागत विकास योजना तैयार कर अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए। विश्वविद्यालयों की नियुक्ति समितियों में सरकार के प्रतिनिधित्व हेतु एक समिति गठित की जाएगी। उच्च शिक्षा के संचालन और बेहतर समन्वय के लिए निदेशक उच्च शिक्षा का कैंप कार्यालय लखनऊ में स्थापित करने का निर्णय लिया गया।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उच्च शिक्षा में हो रहे सुधारों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार का प्रयास है कि शिक्षा के क्षेत्र में हर छात्र को गुणवत्ता और समावेशी शिक्षा मिले। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि योजनाओं का क्रियान्वयन छात्र हितों को ध्यान में रखकर किया जाए और प्रदेश को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल किया जाए।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एम.पी. अग्रवाल ने प्रकोष्ठ के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों और उच्च शिक्षा मंत्री के निर्देशों के अनुपालन की प्रतिबद्धता व्यक्त की। विशेष सचिव उच्च शिक्षा शिपू गिरि ने बैठक की भूमिका प्रस्तुत करते हुए राज्य स्तरीय गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ की आवश्यकता और इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। प्रो. दिनेश चंद्र शर्मा ने प्रकोष्ठ के एजेंडे का प्रस्तुतीकरण किया। बैठक का संचालन उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अपर सचिव, डॉ. दिनेश कुमार ने किया। निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. अमित भारद्वाज ने बैठक में शामिल सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।