लोकसभा में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी का पहला भाषण, संविधान को बताया नागरिकों का ‘सुरक्षा कवच’

 केरल की वायनाड सीट से पहली बार चुनाव जीतकर संसद के निचले सदन लोकसभा में पहुंची कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को संविधान पर चर्चा के दौरान सदन में लंबा भाषण दिया. इस दौरान कांग्रेस सांसद ने देश के संविधान को भारत और नागरिकों के लिए सुरक्षा कवच बताया. उन्होंने कहा कि इसकी रक्षा भी भारत की जनता ही करेगी. प्रियंका गांधी ने निजीकरण समेत कई मुद्दों को लेकर सरकार पर भी निशाना साधा.

स्वतंत्रता संग्राम से की भाषण की शुरुआत

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत आजादी की लड़ाई के लिए चलाए गए स्वतंत्रता संग्राम से की. प्रियंका गांधी ने कहा कि, हजारों साल पुरानी हमारे देश की परंपरा संवाद और चर्चा की रही है. वाद-विवाद और संवाद की पुरानी संस्कृति है. अलग-अलग धर्मों में भी ये वाद-संवाद, चर्चा-बहस की संस्कृति रही है. इसी परंपरा से हमारा स्वतंत्रता संग्राम उभरा था. उन्होंने कहा कि हमारा स्वतंत्रता संग्राम अनोखी लड़ाई थी, जो अहिंसा और सत्य पर आधारित थी. हमारी ये लड़ाई आजादी के लिए, बेहद लोकतांत्रिक लड़ाई थी. इसमें हर वर्ग शामिल था.

प्रियंका गांधी ने कहा कि सबने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी. उसी आजादी की लड़ाई से एक आवाज उभरी, जो हमारे देश की आवाज थी, वो आवाज ही हमारा संविधान है. साहस की आवाज थी, हमारी आजादी की आवाज थी और उसी की गूंज ने हमारे संविधान को लिखा और बनाया. कांग्रेस सांसद ने कहा कि ये सिर्फ एक दस्तावेज नहीं है. बाबा आंबेडकर, मौलाना आजाद जी और जवाहरलाल नेहरू जी और उस समय के तमाम नेता इस संविधान को बनाने में सालों जुटे रहे. हमारा संविधान इंसाफ, अभिव्यक्ति और आकांक्षा की वो ज्योत है जो हर हिंदुस्तानी के दिल में जलती है.

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि, “हमारे विपक्ष के साथी सारी जिम्मेदारी जवाहरलाल नेहरू पर डाल देते हैं, आप वर्तमान की बात क्यों नहीं करते.” उन्होंने कहा कि, “कृषि कानून ताकतवर लोगों के लिए बनाए गए हैं. सभी एयरपोर्ट, सड़क, रेलवे के काम एक व्यक्ति को दिए जा रहे हैं. सरकार अडानी का पक्ष ले रही है. लोग मानते थे कि संविधान उनकी रक्षा करेगा, लेकिन अब उनका भरोसा खत्म हो गया है.” उन्होंने कहा कि, “अगर लोकसभा चुनाव के नतीजे नहीं आते तो वे संविधान बदलना शुरू कर देते. सच तो यह है कि वे अब संविधान की बात करते हैं क्योंकि उन्हें लोकसभा चुनावों में पता चला है कि लोग इसकी रक्षा कर रहे हैं. शायद वे यह नहीं समझ पाए हैं कि भारत का संविधान, संघ का संविधान नहीं है.”

हमारा संविधान सुरक्षा कवच- प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने लोकसभा में कहा कि, ‘हमारे देश के करोड़ों देशवासियों के संघर्ष में, अपने अधिकारों की पहचान में और देश से न्याय की अपेक्षा ने हमारे संविधान की ज्योत जल रही है. मैंने हमारे संविधान की ज्योत को जलते हुए देखा है. हमारा संविधान एक सुरक्षा कवच है, जो देशवासियों को सुरक्षित रखता है. न्याय का कवच है. एकता का कवच है. अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है. दुख की बात ये है कि मेरे सत्तापक्ष के साथी जो बड़ी बड़ी बातें करते हैं, उन्होंने 10 सालों में इस सुरक्षा कवच तोड़ने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि संविधान में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय का वादा है, ये वादा सुरक्षा कवच है, जिसको तोड़ने का काम शुरू हो चुका है. लैटरल एंट्री और निजिकरण के जरिए, सरकार आरक्षण को कमजोर करने का काम कर रही है.

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि, “आज जातिगत जनगणना की बात हो रही है. सत्तापक्ष के साथी ने इसका जिक्र किया. ये जिक्र इसलिए हुआ क्योंकि चुनाव में ये नतीजे आए. ये इसलिए जरूरी है ताकि हमें पता चले कि किसकी क्या स्थिति है.” प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि, ‘इनकी गंभीरता का प्रमाण ये है कि जब चुनाव में पूरे विपक्ष ने जोरदार आवाज उठाई जातिगत जनगणना होनी चाहिए. तो इनका जवाब था- भैंस चुरा लेंगे, मंगलसूत्र चुरा लेंगे. ये गंभीरता है इनकी.”

वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि, ‘हमारे संविधान ने आर्थिक न्याय की नींव डाली. किसानों, गरीबों को जमीन बांटी. जिसका नाम लेने से कभी-कभी झिझकते हैं और कभी-कभी धड़ाधड़ इस्तेमाल किया जाता है, उन्होंने तमाम पीएसयू बनाए. उनका नाम पुस्तकों से मिटाया जा सकता है. भाषणों से मिटाया जा सकता है. लेकिन उनकी जो भूमिका रही, देश की आजादी के लिए, देश के निर्माण के लिए, उसे कभी मिटाया नहीं जा सकता.

नारी शक्ति कानून को लागू पर क्या बोलीं प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि, ‘पहले संसद चलती थी तो जनता की उम्मीद होती थी कि सरकार महंगाई और बेरोजगारी पर चर्चा करेगी. लोग मानते थे कि नई आर्थिक नीति बनेगी तो अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए बनेगी. किसान और आदिवासी भाई बहन भरोसा करते थे यदि जमीन के कानून में संशोधन होगा तो उनकी भलाई के लिए होगा.’

इसके बाद प्रियंका गांधी ने नारी शक्ति को लेकर कहा कि, “आप नारी शक्ति की बात करते हैं. आज चुनाव की वजह से इतनी बात हो रही है. क्योंकि हमारे संविधान ने उनको ये अधिकार दिया. उनकी शक्ति को वोट परिवर्तित किया. आज आपको पहचानना पड़ रहा है कि उनके बिना सरकार नहीं बन सकती. जो आप नारी शक्ति का अधिनियम लाए हैं, उसे लागू क्यों नहीं करते. क्या आज की नारी 10 साल उसका इंतजार करेगी.”

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com