भोपाल। मध्यप्रदेश की ‘अयोध्या’ और भगवान श्रीराम राजा सरकार की नगरी ओरछा में हर साल की तरह इस बार भी श्रीराम जानकी विवाह उत्सव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। श्री रामराजा मंदिर के साथ ही पूरे नगर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। आज से श्रीराम राजा सरकार के विवाह उत्सव की मुख्य रस्में शुरू होने जा रही हैं। ओरछा में भगवान श्रीराम-जानकी विवाह की परम्परा 450 वर्षों से चली आ रही है। इसी परम्परा के अनुसार, यहां श्रीराम-जानकी विवाह उत्सव की प्रमुख रस्में सात दिसंबर तक चलेंगी।
आज पहले दिन हल्दी और मंडप की रस्म के साथ विशाल भंडारे का आयोजन होगा। छह दिसंबर को भगवान की बारात निकलेगी तथा रात में विवाह संपन्न होगा और सात दिसंबर को सुबह कुंवर कलेवा के साथ महोत्सव का समापन होगा। विवाह बुंदेली रीति-रिवाज से होगा।
ओरछा तहसीलदार और व्यवस्थापक सुमित गुर्जर ने बताया कि इस बार श्रीराम राजा सरकार के विवाह उत्सव कार्यक्रम में आज यहां एक भंडारा है, जिसमें हम करीब 70 हजार लोगों के पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं। अगले दिन बारात निकाली जाएगी। यह बारात नगर का भ्रमण करते हुए राम जानकी मंदिर पहुंचेगी। राम जानकी मंदिर में दूल्हा बने श्री रामचंद्र जी का तिलक किया जाएगा और यहीं पर वैवाहिक रस्मों में पांव पखराई और कुमार कलेवा भी किया जाता है। श्रीराम राजा सरकार के विवाह उत्सव में देश और दुनिया से आने वाले भक्त भी बाराती बनकर बारात में शामिल होते हैं। उन्होंने बताया कि सजावट तो पूरे ओरछा नगर की कराई जा रही है। विशेष रूप से बारात मार्ग को दुल्हन की सजाया गया है।
रामराजा मंदिर के बाहर फूल-मालाओं और इलेक्ट्रिक झालरों को लटकाकर सुंदरता से सजाया गया है। प्रभु श्रीराम और माता जानकी के विवाह के उत्साह का आकर्षक और मनमोहक डिजिटल कार्ड तैयार किया गया है। आम शादियों की तरह राम जानकी विवाह का निमंत्रण भेजा गया है। मंदिर समिति के विशिष्ट अधिकारियों द्वारा इन कार्ड को चारों तीर्थ स्थलों, 12 ज्योतिर्लिंगों और अयोध्या धाम सहित देश के प्रमुख मठों और मंदिरों तक पहुंचाया गया है।
गौरतलब है कि भगवान राम और सीता माता का विवाह मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को हुआ था, जिसे विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन ओरछा नगरी में घर-घर जाकर मंगलगायन के साथ तिलक की रस्म अदा की जाती है। मंडप में भोज भी आयोजित किया है और हजारों श्रद्धालु एक-दूसरे को हल्दी लगाकर नाचते-गाते हुए विवाह की रस्मों का आनंद लेते हैं। रात्रि में भगवान श्रीरामराजा सरकार की बारात मंदिर से निकलती है, जो पूरे नगर में एक धार्मिक उल्लास का माहौल बना देती है। ओरछा में श्रीराम-जानकी विवाह महोत्सव में रात्रि आठ बजे भगवान श्रीरामराजा सरकार की बारात धर्म ध्वजा और विद्युत सजावट के साथ निकलती है। बारात में धार्मिक कीर्तन मंडली और रामधुन के साथ भक्तगण शामिल होते हैं। नगर के हर द्वार पर दूल्हा बने राजाराम का पारंपरिक बुंदेली वैवाहिक मंगल गीत गायन करते हुए तिलक किया जाता है।