उन्होंने आईएएनएस से कहा, “जाति जनगणना जरूर होनी चाहिए, ताकि हम कार्यक्रम और योजनाएं बना सकें और विभिन्न समुदायों और वर्गों का लक्षित विकास कर सकें। क्योंकि समाज में हमेशा कुछ लोग विकास की दौड़ में पीछे रह जाते हैं। सबको सब कुछ नहीं मिल रहा है। किसी को शिक्षा नहीं मिल रही है, किसी को जमीन नहीं मिल रही है, किसी को सरकारी नौकरी नहीं मिल रही है। जब यह मुद्दा आएगा, तो हमारे पास डेटा होगा। उस डेटा के हिसाब से हम लक्षित योजनाएं और कार्यक्रम बना पाएंगे।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस का मानना है कि विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका के बीच एक स्पष्ट रेखा होनी चाहिए। उन्हें अलग होना चाहिए और ऐसा दिखना भी चाहिए।”
उन्होंने दिल्ली में बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर कहा,“केंद्र सरकार को देशभर में प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण पर काम करना चाहिए। हम बार-बार मुद्दों की बात कर रहे हैं, लेकिन भाजपा के लिए लोगों को बांटना, लाभ के लिए बयान देना, गैर-मुद्दों को मुद्दा बनाना, मानवीय मुद्दों को तोड़ना, संसद में गैर जरूरी बिलों को लाना आदि उनकी प्राथमिकता है। उनके लिए जलवायु परिवर्तन प्राथमिकता नहीं है, उनके लिए पर्यावरण प्राथमिकता नहीं है, उनके लिए ये स्थितियां प्राथमिकता नहीं हैं, उनके लिए आपदा प्रबंधन प्राथमिकता नहीं है, उनके लिए सदियों से कई जगहों पर आने वाली बाढ़ के समाधान के लिए कुछ करना प्राथमिकता नहीं है।”