उन्होंने कहा, मणिपुर में कई समस्याएं हैं। इसके कई कारण हैं, जो काफी जटिल हैं। मणिपुर में संघर्ष का कारण कुछ हद तक ऐतिहासिक भी है। साथ ही सीमा पर हो रही घटनाओं से भी हिंसा के तार जुड़े हैं। इसलिए, समस्या के संबंध में एक राय नहीं है।
उन्होंने कहा, लेकिन मणिपुर के नाम पर, मुझे नहीं लगता कि भारत की छवि को नुकसान पहुंचाना या यह कहना सही है कि मणिपुर में कुछ गलत होने के कारण बाकी दुनिया को भारत से समस्या होने लगी है। यह एक राजनीतिक एजेंडा है, और मैं कहूंगा कि यह एक तरह से राष्ट्र विरोधी एजेंडा है। इसलिए हमें चीजों को परिप्रेक्ष्य में देखना चाहिए। लोकतंत्र कभी भी पूर्ण नहीं होता। विकास का क्रम चलता रहता है। दुनिया में किसी देश का लोकतंत्र आदर्श नहीं हैं।
विदेश मंत्री ने कहा, विकासशील देशों को विकसित होना है। विकसित देशों को और आगे बढ़ना है। एक देश के तौर पर हम अपनी एकता व अखंडता को बनाए हुए हैं। इसलिए मैं बहुत खुश हूं।