शुरुआत में इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के सैनिकों की गोलीबारी के कारण यह कदम उठाया गया.
ब्लू लाइन पर ठिकानों को खाली करने की मांग की थी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आडीएफ सैनिकों को जब यह एहसास हुआ कि उन पर नजर रखने का प्रयास हो रहा है, तो उन्होंने चौकी पर गोलीबारी आरंभ कर दी. इस कारण शांति सैनिकों को सुरक्षा को लेकर पीछे हटना पड़ा. बयान में कहा गया कि आईडीएफ ने हमेशा से शांतिसैनिकों को ब्लू लाइन पर ठिकानों को खाली करने की मांग की थी. आरोप है कि इनमें से कुछ ठिकानों पर जानबूझकर कैमरा, लाइटिंग और संचार उपकरणों को नुकसान पहुंचाया गया. पिछले कुछ हफ्तों में, इजरायली सेना ने लेबनान में यूएनआईएफआईएल के ठिकानों पर कई बार अटैक किया. इससे शांति सैनिकों को चोट आई है. इजरायल की इस हरकत की अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने तीखी आलोचना की.
यूएनआईएफआईएल के मुताबिक बुधवार की सुबह, दक्षिणी गांव यारिन में एक मरीज को लेकर जा रही दो मेडिकल टीम पर अकारण गोलीबारी हुई. इसके कारण वाहन को घटनास्थल पर ही छोड़ देना पड़ा. यूएनआईएफआईएल ने शुक्रवार की शाम को कहा कि बेत लिफ में उसके एक ठिकाने पर एक मेडिकल सेंटर पर अज्ञात कारण से एक गोला या रॉकेट गिरा. इससे इमारतों को नुकसान पहुंचा है.
अज्ञात स्रोत से दागे गए दो गोले या रॉकेट गिरे
इसके बाद कफरचौबा में यूएनआईएफआईएल के एक ठिकाने के पास अज्ञात स्रोत से दागे गए दो गोले या रॉकेट गिरे, जिससे रहने की जगह और शेल्टर को नुकसान पहुंचा. यूएनआईएफआईएल ने आश्वासन दिया कि जमीन पर हिंसा के बावजूद शांति सैनिक दक्षिण लेबनान में स्थिति पर निगरानी रखना. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को रिपोर्ट करना जारी रखेंगे. इससे सभी पक्षों को शांति सैनिकों या नागरिकों को खतरे में डालने वाली कार्रवाइयों से बचने की जिम्मेदारी को याद दिलाया.