(शाश्वत तिवारी) कोलंबो। भारत ने श्रीलंका में भारतीय मूल के तमिल समुदाय के बागान क्षेत्रों (प्लांटेशन एरिया) में शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अपनी अनुदान राशि को दोगुना कर दिया है। श्रीलंका सरकार के अनुरोध पर दिए गए अतिरिक्त धन के साथ, इस परियोजना के लिए अब भारत सरकार की कुल प्रतिबद्धता 60 करोड़ श्रीलंकाई रुपये हो गई है। श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा और श्रीलंका के शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की सचिव जे. एम. थिलाका जयसुंदरा ने इस अनुदान को औपचारिक रूप देने के लिए राजनयिक पत्रों पर हस्ताक्षर किए और उनका आदान-प्रदान किया। कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा यह परियोजना शिक्षा के महत्वपूर्ण क्षेत्र में श्रीलंका में भारत की कई पूर्व एवं वर्तमान विकास साझेदारी पहलों का हिस्सा है। इसमें श्रीलंका सरकार द्वारा पहचाने गए 9 बागान स्कूलों के बुनियादी ढांचे के उन्नयन की परिकल्पना की गई है। इनमें मध्य प्रांत के बागान क्षेत्रों में 6 स्कूल और उवा, सबरागामुवा और दक्षिणी प्रांत में एक-एक स्कूल शामिल हैं।
यह परियोजना शिक्षा के महत्वपूर्ण क्षेत्र में श्रीलंका में भारत की कई पिछली और चल रही विकास साझेदारी पहलों की लंबी सूची में शामिल होगी। भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा यह कार्यक्रम भारतीय मूल के तमिल समुदाय के श्रीलंका में आगमन के 200 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पिछले वर्ष घोषित 75 करोड़ भारतीय रुपये की बहु-क्षेत्रीय भारतीय अनुदान सहायता का एक हिस्सा है। बता दें कि भारत अपनी ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति पर चलते हुए श्रीलंका को शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहायता प्रदान करता रहता है। हाल ही में श्रीलंका के बागान क्षेत्रों में स्थित स्कूलों के लिए भारतीय अनुदान सहायता के तहत तीन महीने लंबे शिक्षक-प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ है। इसके तहत 19 भारतीय शिक्षकों ने श्रीलंका में 40 केंद्रों पर प्रमुख विषयों में दो हजार श्रीलंकाई शिक्षकों को प्रशिक्षित किया।