भारत की सहायता से म्यांमार में बन रहे साहित्यिक केंद्र का भूमिपूजन

यंगून (शाश्वत तिवारी)। भारत की वित्तीय सहायता से म्यांमार के लोगों के लिए बनाए जा रहे साहित्यिक केंद्र के निर्माण के लिए यहां भूमिपूजन समारोह हुआ। इस कार्यक्रम में म्यांमार में नियुक्त भारतीय राजदूत अभय ठाकुर ने भाग लिया। यंगून स्थित भारतीय दूतावास ने गुरुवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा म्यांमार में राजदूत अभय ठाकुर ने कल भारत सरकार द्वारा सहायता प्राप्त 3.77 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से निर्मित सारसोबेइकमन भवन की ग्राउंड सेरेमनी समारोह में भाग लिया। लोगों को समर्पित यह भवन म्यांमार के विविध कार्यों और परंपराओं के एक समावेशी साहित्यिक केंद्र और भंडार के रूप में काम करेगा और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देगा।

दूतावास ने एक अन्य बयान में कहा तीन मंजिला सारसोबेइकमन भवन के निर्माण के लिए भूमिपूजन समारोह यंगून में परियोजना स्थल पर आयोजित किया गया। यह 3.77 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से भारत सरकार द्वारा सहायता प्राप्त साहित्यिक केंद्र का निर्माण करने की परियोजना है। भूमिपूजन समारोह का नेतृत्व वरिष्ठ जनरल प्रधानमंत्री मिन आंग हलिंग, केंद्रीय सूचना मंत्री यू माउंग माउंग ओह्न, राजदूत अभय ठाकुर और म्यांमार के छह अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने किया। इस साहित्यिक केंद्र में म्यांमार और एशियाई साहित्य का प्रदर्शन किया जाएगा तथा इसमें लेखकों, कलाकारों, नाटककारों, मूर्तिकारों और चित्रकारों की एक गैलरी भी स्थापित होगी, जिसमें बागान युग और औपनिवेशिक काल सहित ऐतिहासिक कलाकृतियां, ललित कलाएं, पुस्तकें और फोटोग्राफिक अभिलेख शामिल होंगे। बता दें कि भारत अपनी ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति को लेकर प्रतिबद्ध है और वह विभिन्न क्षेत्रों में म्यांमार की मदद कर रहा है, जिसमें शिक्षा, युवाओं के लिए प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण के साथ ही संस्कृति क्षेत्र को समृद्ध बनाना भी शामिल है। भारत ने प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे म्यांमार के लोगों के लिए हाल ही में ‘ऑपरेशन सद्भाव’ के तहत दवाइयां, स्वच्छता किट, अस्थायी आश्रय, जल शोधन आपूर्ति सहित 42 टन राहत सामग्री भेजी थी।

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