वैश्विक रियल एस्टेट कंसल्टिंग फर्म सैविल्स इंडिया की ओर से जारी की गई रिपोर्ट्स में कहा गया कि देश में रियल एस्टेट में जनवरी से सितंबर 2024 की अवधि में 3.9 अरब डॉलर का निवेश प्राइवेट इक्विटी की ओर से किया गया है। यह 2023 में हुए कुल निवेश से अधिक है।
रिपोर्ट के मुताबिक, तिमाही आधार पर इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक्स सेगमेंट में 1.7 अरब डॉलर का निवेश हुआ, जो कि कुल निवेश का 77 प्रतिशत है। इस सेगमेंट में निवेश की वजह ई-कॉमर्स में वृद्धि और सरकार की ओर से भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने पर जोर दिया जाना है।
इसके अलावा कमर्शियल ऑफिस सेगमेंट इसमें दूसरे नंबर पर है। रियल एस्टेट सेक्टर में कुल प्राइवेट इक्विटी निवेश का 21 प्रतिशत इस सेगमेंट में हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कमर्शियल ऑफिस सेगमेंट में प्राइवेट इक्विटी के जरिए आया पूरा निवेश विदेशी निवेशकों से आया है और इसका ज्यादातर हिस्सा चेन्नई, मुंबई और दिल्ली एनसीआर जैसे प्रमुख शहरों में निवेश हुआ है।
सैविल्स इंडिया में रिसर्च और कंसल्टिंग के प्रबंधक निदेशक अरविंद नंदन ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बाद भी 2024 की शुरुआत से अब तक भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ा निवेश देखने को मिला है और इसने 2023 के निवेशक के आंकड़ों को पीछे कर दिया है, जो कि दिखाता है कि भारत में सकारात्मक आर्थिक माहौल है और निवेशकों में आत्मविश्वास है।
भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी और अगले वित्त वर्ष (2024-25) में इसके 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है।