नई दिल्ली। हरियाणा और केंद्रशासित राज्य जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना आज सुबह आठ बजे शुरू हो गई। हरियाणा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को यकीन है कि लगातार तीसरी बार जनादेश उसके पक्ष में जाएगा। यह बात अलहदा है कि एग्जिट पोल के अनुमान से कांग्रेस में उत्साह है। वह 10 साल बाद राजसत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है। जम्मू-कश्मीर में इस जनादेश से साल 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद पहली निर्वाचित सरकार का गठन होगा। कुछ माह बाद महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं।
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल के अनुसार, मतगणना स्थलों पर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। राज्य के 22 जिलों के 90 विधानसभा क्षेत्रों में 93 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। बादशाहपुर, गुरुग्राम और पटौदी विधानसभा क्षेत्रों के लिए दो-दो मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। बाकी 87 क्षेत्रों के लिए एक-एक मतगणना केंद्र स्थापित किया गया है। 90 मतगणना पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए गए हैं। सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती होगी। उसके आधा घंटे बाद बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के मतों की गिनती शुरू होगी। मतगणना के हर चरण की सही सूचना समय पर अपलोड की जाएगी।
इस चुनाव में मुख्य पार्टियां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आआपा), इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो)-बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और जननायक जनता पार्टी (जजपा)-आजाद समाज पार्टी (आसपा) ने किस्मत आजमाई है। अधिकतर विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने के आसार हैं। हरियाणा की 90 सीटों पर 464 निर्दलीय और 101 महिलाओं समेत 1,031 उम्मीदवार मैदान में हैं। इन सीटों पर पांच अक्टूबर को एक चरण में मतदान हुआ था। इस बार मतदान का प्रतिशत 67.90 रहा।
केंद्रशासित राज्य जम्मू-कश्मीर में भी हरियाणा के साथ ही मतदान हुआ, लेकिन वहां ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस-भाजपा के बीच सीधी टक्कर के बजाय बहुकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी एग्जिट पोल के नतीजों को खारिज कर चुके हैं। सैनी ने दावा किया है कि भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ तीसरी बार सरकार बनाएगी। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी पूर्ण बहुमत मिलने का विश्वास जताया है। हुड्डा को कांग्रेस के जीतने पर मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है। हालांकि अपने बूते चुनाव लड़ने वाली आआपा के नेता अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि उनकी पार्टी के समर्थन के बिना हरियाणा में कोई सरकार नहीं बन सकती।
हरियाणा के रण में प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री सैनी (लाडवा), विपक्ष के नेता हुड्डा (गढ़ी सांपला-किलोई), इनेलो के अभय चौटाला (ऐलनाबाद), जजपा के दुष्यंत चौटाला (उचाना कलां), भाजपा के अनिल विज (अंबाला कैंट), कैप्टन अभिमन्यु (नारनौंद), ओपी धनखड़ (बादली), आआपा के अनुराग ढांडा (कलायत) और कांग्रेस की विनेश फोगाट (जुलाना) हैं। कांग्रेस और भाजपा के कुछ बागी भी मैदान में हैं। पिछली बार 2019 में भाजपा ने जजपा के समर्थन से सरकार बनाई थी। मार्च में मनोहर लाल के स्थान पर सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद जजपा का भाजपा के साथ गठबंधन खत्म हो गया।
जम्मू-कश्मीर में भी हरियाणा के साथ ही मतदान हुआ, लेकिन वहां ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस-भाजपा के बीच सीधी टक्कर के बजाय बहुकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। जम्मू-कश्मीर के मुकाबले में मुख्य रूप से कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) गठबंधन, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हैं। यह चुनाव पूर्ववर्ती राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के पांच साल बाद हो रहा है। अधिकारियों के अनुसार, सभी 90 सीटों के मतगणना केंद्रों पर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है।कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र के सभी मतगणना केंद्रों पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। इस बार मतदान 63.45 प्रतिशत रहा, जो 2014 के विधानसभा चुनाव में दर्ज 65.52 प्रतिशत से कम है।
प्रमुख उम्मीदवारों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला (बडगाम और गंदेरबल) पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद गनी लोन (हंदवाड़ा और कुपवाड़ा ), प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा (बटमालू) और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना (नौशेरा ) हैं। अन्य उम्मीदवारों में कांग्रेस महासचिव गुलाम अहमद मीर (डूरू), पीडीपी नेता वहीद पारा (पुलवामा), इल्तिजा मुफ्ती (बिजबेहरा), जम्मू एंड कश्मीर-अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी (चनापुरा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के मोहम्मद यूसुफ तारिगामी (कुलगाम) और पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग और तारा चंद शामिल हैं। एग्जिट पोल में नेकां-कांग्रेस गठबंधन को बढ़त हासिल होती दिखाई गई है तथा क्षेत्रीय पार्टियों को भी कुछ सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। भाजपा नेतारवींद्र रैना ने कहा कि उनकी पार्टी 35 सीटें हासिल करके सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी और समान विचारधारा वाले तथा निर्दलीय उम्मीदवारों की मदद से सरकार बनाएगी।