( शाश्वत तिवारी) कोलंबो। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने शुक्रवार को श्रीलंका की आधिकारिक यात्रा की और श्रीलंकाई नेतृत्व से मुलाकात की। विदेश मंत्री ने नवनियुक्त श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से मुलाकात की और नई जिम्मेदारी के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं दीं। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-श्रीलंका संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। विदेश मंत्री ने नवनियुक्त प्रधानमंत्री डॉ. हरिनी अमरसूर्या से मुलाकात की और उन्हें उनकी नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं। दोनों नेताओं के बीच डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर चर्चा हुई और साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति बनी।
जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कोलंबो में विदेश मंत्री विजिता हेराथ के साथ विस्तृत वार्ता संपन्न हुई। उन्हें एक बार फिर उनकी नई जिम्मेदारियों के लिए बधाई दी। भारत-श्रीलंका साझेदारी के विभिन्न आयामों की समीक्षा की। उन्हें श्रीलंका के आर्थिक पुनर्निर्माण में भारत के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया। हमारी पड़ोसी प्रथम नीति और सागर दृष्टिकोण हमेशा भारत-श्रीलंका संबंधों की प्रगति का मार्गदर्शन करेंगे। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति और ‘सागर’ दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, यह यात्रा पारस्परिक लाभ के लिए दीर्घकालिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।’’ श्रीलंका में राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके के पिछले सप्ताह कार्यभार संभालने के बाद भारत और श्रीलंका के बीच यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा है। जयशंकर की इस यात्रा के बीच कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग के हस्तक्षेप के बाद समुद्री सीमा पार करने के आरोप में श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार किए गए 50 भारतीय मछुआरों की रिहाई सुनिश्चित हो गई है। भारतीय उच्चायोग ने शुक्रवार को ‘एक्स’ पर लिखा घर वापसी! मयिलादुथुराई, पुदुकोट्टई और नागपट्टिनम के 50 भारतीय मछुआरों को आज रिहा कर दिया गया है और उन्हें इस सप्ताह के अंत में श्रीलंका से तमिलनाडु वापस भेज दिया जाएगा।