नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट मामले को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। याचिकाकर्ता सत्यम सिंह ने आईएएनएस से खास बातचीत की और अपनी मांगों के बारे में बताया।
आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी से बने घी के इस्तेमाल का मामला पूरे देश में गरमाया हुआ है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हो रही है। याचिकाकर्ता सत्यम सिंह ने आईएएनएस को अपनी मांगों के बारे बताया। उन्होंने इस केस की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की मांग की है। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की एक समिति बनाने का भी अनुरोध किया है।
याचिकाकर्ता सत्यम सिंह ने आईएएनएस से कहा कि मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की एक समिति बने, जो निष्पक्ष जांच करे। इसके अलावा इसे आपराधिक मामले की तरह प्रोसिड किया जाए और जो भी लोग इस षड्यंत्र में शामिल हैं, उनको सजा हो।
उन्होंने आगे कहा, हमारी दूसरी मांग है कि इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपी जाए। ऐसे प्रकरण का होना, एक तरह से राज्य की विफलता है। राज्य की भागीदारी के बाद ऐसी चीजें हुई हैं। ऐसे में जांच को दोबारा राज्य के हाथ में सौंपा जाएगा तो इसका कोई नतीजा नहीं निकलेगा और यह भी हो सकता है कि निष्पक्ष तरीके से जांच न हो। इसलिए, इसकी जांच में न तो राज्य सरकार और न ही केंद्र सरकार की कोई भूमिका हो।
दरअसल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के शासन के दौरान तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी में पशुओं की चर्बी मिली थी। इसके बाद देश भर में कई हिंदू संगठनों ने इसका पुरजोर विरोध किया। इस मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और के.वी. विश्वनाथन की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।