मझगांव मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट का यह आदेश मेधा सोमैया द्वारा संजय राउत के खिलाफ दायर दो साल पुराने मानहानि के मुकदमे में आया है। राउत ने मेधा सोमैया पर और उनके एनजीओ युवा प्रतिष्ठान पर 100 करोड़ रुपये के शौचालय घोटाले का आरोप लगाया था।
संजय राउत ने कहा कि उन्होंने शौचालय निर्माण के मुद्दे पर संदेह जताते हुए कुछ आधिकारिक रिकॉर्ड्स के आधार पर केवल कुछ सवाल उठाए थे, जिसका सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के नेताओं ने भी समर्थन किया था। उन्होंने आगे कहा, इसलिए मैंने कोई मानहानि कहां की है।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता ने कहा कि वह मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के सजा के आदेश को जल्द ही हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, संजय राउत ने दावा किया था कि मेधा सोमैया शौचालय घोटाले में शामिल थीं, जिसके बाद उन्होंने उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
मेधा सोमैया ने कोर्ट के फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि न्यायपालिका में उनका विश्वास कायम हुआ है।
मेधा सोमैया ने मीडियाकर्मियों से कहा, मैं एक साधारण गृहिणी हूं, समाज सेवा और शैक्षणिक गतिविधियों में लगी हुई हूं, लेकिन जो कोई भी मेरे परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा, मैं उससे लड़ूंगी। मैं अदालत के फैसले से संतुष्ट हूं। यह अन्य लोगों को इस तरह के बेतुके आरोप लगाने से रोकेगा।
साल 2022 में संजय राउत ने मेधा सोमैया और उनके परिवार के सदस्यों पर कथित घोटाले का आरोप लगाया था और दावा किया था कि उनके पास इसके सबूत हैं, लेकिन वे इसे पेश करने में विफल रहे।