रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में एजीईएल और ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन में एईएसएल अपने सेगमेंट में इस ग्लोबल अलायंस से जुड़ने वाली पहली कंपनियां हैं।
एजीईएल का फोकस स्वच्छ ऊर्जा, ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने और ऊर्जा को किफायती बनाने पर और एईएसएल की ओर से ग्रीन एनर्जी के ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन पर फोकस किया जा रहा है, जिससे एक भरोसेमंद ग्रिड बनाई जा सके।
एजीईएल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सागर अदाणी ने कहा कि यूटिलिटी फॉर नेट जीरो अलायंस के साथ जुड़कर हमें स्थिरता लक्ष्यों को आगे बढ़ाने, इनोवेशन को बढ़ाने और स्वच्छ ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ाने के लिए वैश्विक समकक्षों के साथ साझेदारी का अवसर मिला है।
सागर अदाणी ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी होने के नाते हम 2030 तक 50 गीगावाट के लक्ष्य और उस वर्ष तक भारत में गैर-जीवाश्म ईंधन से पैदा होने वाले ऊर्जा में 10 प्रतिशत का योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
यूएनईजेडए को सीओपी28 में यूएई डिक्लेरेशन के तहत स्थापित किया गया था।
इस साझेदारी में वैश्विक यूटिलटी और पावर कंपनियों को एक छत के नीचे लाया गया है। इसका उद्देश्य रिन्यूएबल एनर्जी के तैयारी ग्रिड का विकास करना, स्वच्छ ऊर्जा सॉल्यूशंस को प्रोत्साहित करना और विद्युतीकरण के प्रयासों को बढ़ाना है।
एईएलएल के प्रबंधक निदेशक अनिल सरदाना का कहना है कि यूटिलिटी ऑफ नेट जीरो एलायंस से जुड़कर एईएसएल ग्लोबल समकक्षों के अनुभव का फायदा उठा पाएगी। साथ ही उच्च क्षमता वाले रिन्यूएबल एनर्जी को उठाने के नेटवर्क पर अपने इनसाइट्स को साझा कर पाएगी।
एजीईएल और एईएसएल का लक्ष्य 2050 तक नेट जीरो को हासिल करना है।
अदाणी ग्रीन एनर्जी का उद्देश्य अपने रिन्यूएबल एनर्जी के पोर्टफोलियो की ऑपरेशनल क्षमता को 11.2 गीगावाट से बढ़ाकर 2030 तक 50 गीगावाट करना है।
कंपनी की ओर से गुजरात के खावड़ा में दुनिया का सबसे बड़ा 30 गीगावाट की क्षमता वाला रिन्यूएबल एनर्जी प्लांट विकसित किया जा रहा है।