रेटिंग एजेंसी की ओर से एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए निकाले गए इकोनॉमिक आउटलुक में कहा गया कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी 6.9 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। भारत की मजबूत विकास दर महंगाई में प्रबंधन में आरबीआई की मदद करेगी।
रिपोर्ट में बताया गया कि जुलाई के बजट में भारत सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया कि वह वित्तीय समेकन के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी खर्च जारी रखा जाएगा।
वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पूंजीगत खर्च के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया गया। वहीं, वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य घटाकर 4.5 प्रतिशत कर दिया गया है।
रिपोर्ट में बताया गया कि महंगाई आरबीआई के टारगेट 4 प्रतिशत के नीचे आ गई है। ऐसे में आरबीआई द्वारा अक्टूबर में होने वाली एमपीसी की बैठक में ब्याज दरों को कम किया जा सकता है। हमें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में दो बार ब्याज दरों में कटौती हो सकती है।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी की ओर से 2024 के लिए चीन की विकास दर को 4.8 प्रतिशत से घटाकर 4.6 प्रतिशत कर दिया गया है।
एसएंडपी का मानना है कि देश में प्रॉपर्टी सेक्टर में मंदी, कमजोर घेरलू मांग और नीतिनिर्माताों द्वारा राजकोषीय नीति को सरल न बनाने के कारण चीन की अर्थव्यवस्था की विकास दर 2025 तक घटकर 4.3 प्रतिशत हो सकती है।