शोध, नवाचार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का केंद्र बनेंगे प्रदेश के विश्वविद्यालय

लखनऊ, 24 सितम्बर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है। इसके तहत योगी सरकार प्रदेश के 8 प्रमुख विश्वविद्यालयों में कुल 58 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना करने जा रही है। सरकार की इस पहल का उद्देश्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शोध, नवाचार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षण को बढ़ावा देना है, जिससे छात्रों और शिक्षकों को न सिर्फ भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाया जा सके, बल्कि इसके अनुरूप तैयार किया जा सके। इसके लिए सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विश्वविद्यालयों को कुल 03 करोड़ 88 लाख 77 हजार 8 सौ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है। इस धनराशि से छात्रों और शिक्षकों को अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।

युवाओं के करियर को मिलेगी नई दिशा

प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री, योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि योगी सरकार प्रदेश के विश्वविद्यालयों को वैश्विक मानकों के अनुरूप तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना से न केवल छात्रों को शोध और तकनीकी विशेषज्ञता के क्षेत्र में नई संभावनाएं मिलेंगी, बल्कि यह विश्वविद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता में भी सुधार लाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को एक ऐसा मंच उपलब्ध कराना है, जहां वे विश्वस्तरीय शिक्षा और संसाधनों का लाभ उठाकर अपने करियर को नई दिशा दे सकें।

इन विश्वविद्यालयों में स्थापित होंगे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

“सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” योजना के तहत प्रदेश के प्रमुख विश्वविद्यालयों को जोड़ा जा रहा है। इस योजना के तहत महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली, वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल विश्वविद्यालय जौनपुर, लखनऊ विश्वविद्यालय, डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या, ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी, डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय लखनऊ और छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर को शामिल किया गया है।

छात्रों के शैक्षिक विकास को मिलेगा प्रोत्साहन

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस योजना के तहत राज्य के इन विश्वविद्यालयों में प्रोजेक्ट फेलो के साथ-साथ अत्याधुनिक शोध उपकरण, पुस्तकालयों का विकास और डिजिटल संसाधनों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाएगा। यह न केवल छात्रों के शैक्षिक विकास को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि उन्हें उद्योग और अनुसंधान क्षेत्र में नए अवसर प्रदान करेगा। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस योजनांतर्गत राज्य सरकार द्वारा समय समय पर निर्गत दिशा निर्देश प्रभावी रहेंगे। विश्वविद्यालय स्तर पर योजना के दिशा निर्देशों के अनुसार कार्यक्रमों की मॉनीटरिंग की जाएगी तथा शासन को अवगत कराया जाएगा।

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