उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए चिकित्सकों से खास अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार ने हड़ताली चिकित्सकों की मांगें मान ली है, इसलिए उन्हें हड़ताल वापस लेने पर विचार करना चाहिए।
उन्होंने लिखा, मैंने पहले दिन से ही चिकित्सकों की सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं का समर्थन किया है। मैंने हमेशा यह माना है कि प्रदर्शनकारियों की कुछ मांगों को छोड़कर उनकी अधिकांश चिंता सही होने के साथ समझदारीपूर्ण और न्यायोचित हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए कागजातों के अनुसार, चिकित्सकों की सुरक्षा में सुधार के लिए अधिकांश उपाय प्रगति पर हैं। इन उपायों में पूरे पश्चिम बंगाल के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाना और बुनियादी ढांचागत विकास शामिल हैं। यह कार्य 14 दिनों के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। इसके अलावा सरकार ने स्वास्थ्य विभाग और कोलकाता पुलिस के कुछ शीर्ष अधिकारियों के तबादले की मांगों को स्वीकार कर लिया है। इस बात की पुष्टि एक दिन पहले ही सीएम ने अपने मीडिया संबोधन में कर दी थी।
उन्होंने चिकित्सकों से हड़ताल वापस लेने की अपील करते हुए कहा, चिकित्सकों को अब सद्भावना के तहत हड़ताल वापस लेने और लोगों की सेवा करने के लिए, पश्चिम बंगाल की सरकार के साथ मिलकर काम करने पर विचार करना चाहिए। साथ ही सरकार की ओर से किए जा रहे इन परिवर्तनों को तुरंत क्रियान्वित करने के लिए टास्क फोर्स की पहलों के कार्यान्वयन में तेजी लाने पर विचार करना चाहिए। अंत में इतना ही कहूंगा कि सीबीआई को जवाबदेह ठहराना और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि कोई भी अपराधी बच नहीं पाए। उन्हें जल्दी से जल्दी सजा दी जाए। सीबीआई का रिकॉर्ड खुद ही सब कुछ बताता है। पिछले 10 सालों में, उन्होंने अपनी एक भी जांच पूरी नहीं की है। न्याय में देरी न्याय नहीं मिलने के बराबर है।
बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने के बाद भी डॉक्टरों ने अपना धरना-प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने डॉक्टरों की तीन मांगें मान ली हैं। इसके बावजूद उनका कहना है कि वह लोग अभी काम पर वापस नहीं लौटेंगे। उन्होंने सरकार के सामने पांच नई मांगें रखी हैं।