सिन्हा ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा, सरकार की अनुकूल नीतियों के कारण देश में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में तेज ग्रोथ है। देश के इलेक्ट्रिसिटी में रिन्यूएबल की भागीदारी आने वाले वर्षों में 15 प्रतिशत से बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाएगी। इससे लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
उन्होंने आगे कहा कि देश में सरकार ग्रीन हाइड्रोजन को भी बढ़ावा दे रही है। इससे रिन्यूएबल एनर्जी का इस्तेमाल इलेक्ट्रिसिटी के अलग जैसे ईंधन आदि की जगह भी हो सकेगा। रिन्यूएबल एनर्जी के फायदे गिनाते हुए सिन्हा ने कहा कि इससे कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी, जीवाश्म ईंधन का आयात कम होगा, इससे महत्वपूर्ण विदेशी मुद्रा बचेगी, नौकरियां बढ़ेगी और देश में निवेश बढ़ेगा। वहीं, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली जैसी योजना आने से हर घर में बिजली पैदा होगी, जिसे ग्रिड में भी भेजा जा सकता है। इस कारण से यह एक अलग प्रकार का सेक्टर होने वाला है। सरकार की ओर से मैन्युफैक्चरिंग पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इस कारण से भारत आने वाले समय में सोलर मॉड्यूल, बैटरी और सोलर उपकरणों का बड़ा निर्यातक बन सकता है।
इस महीने की शुरुआत में पहले इंटरनेशनल सोलर फेस्टिवल को वर्चुअल संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि साफ दृष्टिकोण और सोलर एनर्जी में उल्लेखनीय वृद्धि ने भारत को रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में पेरिस प्रतिबद्धताओं को पूरा करने वाला पहला जी-20 देश बनाया है। उन्होंने आगे कहा, हमारी सोलर एनर्जी क्षमता में बीते 10 वर्ष में 32 गुना का इजाफा हुआ है। यह स्पीड 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता का लक्ष्य हासिल करने में मदद करेगी।