विहिप के वरिष्ठ पदाधिकारी सुरेंद्र जैन ने कहा कि संतों के अपमान पर अखिलेश यादव और राहुल गांधी समेत इंडी गठबंधन के सभी नेताओं को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा, अखिलेश यादव का कहना है कि मठाधीश और माफिया में कोई अंतर नहीं होता, यह घोर निंदनीय और आपत्तिजनक है। अखिलेश यादव अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए हमेशा से हिंदू समाज, संतों-महात्माओं और हमारे मंदिरों का अपमान करते रहे हैं। उन्हें लगता है कि वह जितना हिंदू समाज का अपमान करेंगे, उनका वोट बैंक उतना ही खुश होकर उनके नजदीक जाएगा।
विहिप नेता ने आगे कहा कि यह ध्यान रखना चाहिए कि इनकी पार्टी की सरकार ने राम मंदिर आंदोलन को कुचलने के लिए हिंदुओं का भीषण नरसंहार किया था। इसके बाद भी इनके पिता मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि मुस्लिम समाज को खुश करने के लिए अगर उन्हें और हिंदुओं की हत्या भी करनी पड़ती तो, उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी। आज उनके पुत्र अखिलेश यादव मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे हत्यारों, माफियाओं और आतंकियों का संरक्षण करते हैं और संतों एवं मठाधीशों की उज्ज्वल गौरवशाली परंपरा का अपमान करते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि अखिलेश यादव को ध्यान रखना चाहिए कि जगतगुरु आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित मठों की उज्ज्वल परंपरा और हमारे संत महात्माओं की गौरवशाली परंपरा के कारण ही 1,200 साल के निरंतर आक्रमणों के बावजूद आज भारत मजबूती के साथ खड़ा है। देश एक उज्ज्वल भविष्य की ओर आगे बढ़ रहा है।
विहिप नेता ने अखिलेश यादव के साथ-साथ विपक्षी गठबंधन पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सपा नेता का बयान तो निंदनीय है ही, लेकिन हैरानी की बात यह है कि राहुल गांधी समेत किसी भी इंडी गठबंधन के नेता ने उनके बयान की निंदा में एक शब्द भी नहीं कहा है। इससे साफ लगता है कि अखिलेश यादव का यह बयान गठबंधन के नेताओं द्वारा चलाए जा रहे सनातन हिंदू समाज का निरंतर अपमान करने के षड्यंत्र और अभियान का एक हिस्सा है।
उन्होंने आगे कहा कि देश का हिंदू समाज इस षड्यंत्र को स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा, विश्व हिंदू परिषद राहुल गांधी और अखिलेश यादव समेत इंडी गठबंधन के सभी नेताओं से इस बयान के लिए समस्त हिंदू समाज और संतों से माफी मांगने की मांग करता है। हिंदू समाज हर लोकतांत्रिक तरीके से हिंदू विरोधी इस षड्यंत्र का मुंहतोड़ जवाब देगा।