बता दें कि यह छापेमारी 2023 की एक घटना से जुड़ी है जिसमें खालिस्तानी समर्थकों ने कनाडा के ओटावा में भारतीय उच्चायोग के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया था और लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमला किया था।
एनआईए ने अमृतसर में कई जगहों पर छापेमारी की, जिसमें अमृतपाल सिंह के चाचा प्रगट सिंह संधू का घर और वर्कशॉप, और उनके बहनोई अमनजोत सिंह का घर शामिल है। अमनजोत कनाडा में रहते हैं। इसके साथ ही मोगा, गुरदासपुर और जालंधर जिलों में भी छापेमारी की गई।
अमृतपाल के समर्थक चरणजीत सिंह भिंडर ने छापेमारी को गलत बताया। उन्होंने कहा कि यह सांसद के समर्थकों पर दबाव बनाने और उन्हें परेशान करने की रणनीति है।
उल्लेखनीय है कि असम जेल में बंद 31 वर्षीय उग्रवादी अमृतपाल सिंह ने लोकसभा चुनाव में खडूर साहिब सीट से जीत हासिल की है। पिछले साल अप्रैल में उसे कई राज्यों में 36 दिनों की तलाशी के बाद खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के गांव से गिरफ्तार किया गया। साल 2021 में वकील-अभिनेता से कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू द्वारा शुरू किए गए वारिस पंजाब दे या पंजाब के वारिस की कमान संभालने के बाद, अमृतपाल ने युवाओं से पंथ की आजादी के लिए लड़ने का आह्वान किया था।
बता दें कि सिद्धू को 26 जनवरी 2021 को लाल किला हिंसा मामले में भी आरोपियों में से एक के रूप में नामित किया गया था। फरवरी 2022 में हरियाणा के सोनीपत के पास एक सड़क दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी।