जीसीसी मार्केट भारत में 2030 तक बढ़कर 99 से 105 अरब डॉलर का हो सकता है। इस दौरान देश में जीसीसी की संख्या बढ़कर 2,100 से लेकर 2,200 पहुंच सकती है। वहीं, इनमें कर्मचारियों की संख्या 25 लाख से 28 लाख तक पहुंच सकती है।
पिछले पांच वर्षों में देश में वैश्विक नौकरियों में तेज इजाफा देखने को मिला है। 6,500 से ज्यादा ऐसी नौकरियां अब पैदा हो चुकी हैं। इसमें 1,100 से ज्यादा पदों पर महिलाएं हैं।
नैस्कॉम-जिनोव की रिपोर्ट में कहा गया कि एक चौथाई से ज्यादा वैश्विक इंजीनियरिंग पद भारत में हैं। ये पद एयरोस्पेस, डिफेंस और सेमीकंडक्टर जैसी नई जनरेशन की टेक्नोलॉजी में हैं।
सेमीकंडक्टर फर्म और टेक सेक्टर की बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत में इनोवेशन को बढ़ाने के लिए प्रोडक्ट टीम का विस्तार कर रही हैं।
पिछले पांच वर्षों में 400 से ज्यादा नए जीसीसी और 1,100 से ज्यादा नए सेंटर्स देश में स्थापित हो चुके हैं और इसके कारण देश में जीसीसी की संख्या 1,700 के पार निकल गई है।
वित्त वर्ष 24 में भारत से जीसीसी ने 64.6 अरब डॉलर का निर्यात किया था। वित्त वर्ष 19 से भारत में औसत जीसीसी टैलेंट 24 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और वित्त वर्ष 24 में 1,130 से ज्यादा कर्मचारी होने का अनुमान है।
देश में 90 प्रतिशत से ज्यादा जीसीसी फाइनेंसियल सेंटर्स, टेक्नोलॉजी ऑपरेशन और प्रोडक्ट इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि 220 से ज्यादा जीसीसी यूनिट्स अहमदाबाद, कोच्चि, तिरुवनंतपुरम और कोयंबटूर जैसे शहरों में स्थित हैं।