स्वास्थ्य भवन के बाहर जूनियर डॉक्टरों के प्रदर्शन का आज तीसरा दिन, लगातार हो रही नारेबाजी

कोलकाता। आरजी कर अस्पताल दुष्कर्म और हत्याकांड के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों का धरना गुरुवार को 33वें दिन भी लगातार जारी है। पिछले तीन दिनों से जूनियर डॉक्टर साल्ट लेक स्थित राज्य‌ स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय स्वास्थ्य भवन के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे है। इस दौरान राज्य सरकार के खिलाफ लगातार नारेबाजी की जा रही है।

जूनियर डॉक्टरों ने मंगलवार दोपहर स्वास्थ्य भवन में प्रतीकात्मक तौर पर मस्तिष्क लेकर घुसने की कोशिश की लेकिन उन्हें घुसने नहीं दिया गया, जिसके बाद वे सड़कों पर बैठ गए। बुधवार रात तक उन्हें वहीं बैठकर विरोध प्रदर्शन करना पड़ा है। इस बीच राज्य सरकार ने मंगलवार शाम 5:00 बजे उन्हें चर्चा के लिए राज्य सचिवालय नवान्न में बुलाया था लेकिन डॉक्टरों ने राज्य सरकार के ई-मेल की भाषा को अपमानजनक बताते हुए जाने से इनकार कर दिया। इसके बाद बुधवार को एक बार फिर राज्य सरकार ने 12 से 15 की संख्या में प्रतिनिधियों को लेकर शाम 6:00 बजे चर्चा के लिए जूनियर डॉक्टरों को सचिवालय बुलाया लेकिन उन्होंने एक बार फिर अपनी शर्तों पर बैठक करने की जिद करते हुए जाने से इनकार कर दिया।

डॉक्टरों ने जवाबी ई-मेल भेजकर अपनी चार प्रमुख मांगे रखीं जिसमें बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति और बैठक के लाइव टेलीकास्ट की मांग की। इसके साथ ही बैठक के दौरान हड़ताल खत्म करने पर नहीं बल्कि डॉक्टरों की मुख्य मांगे जिसमें कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल का इस्तीफा, राज्य स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम और राज्य स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक का इस्तीफा शामिल है। इसके साथ ही अभया के दोषियों की शिनाख्त कर उनकी सजा सुनिश्चित करना और कार्य स्थल पर भय मुक्त लोकतांत्रिक माहौल सुनिश्चित करने की मांग डॉक्टरों ने की है।

बुधवार रात स्वास्थ्य राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, मुख्य सचिव मनोज पंत और पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि डॉक्टरों को खुले मन से बातचीत करने के लिए आना चाहिए था लेकिन वे नहीं आए। चंद्रिमा ने कहा कि इस विरोध के पीछे राजनीतिक मंशा है और राज्य सरकार अब कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगी। इसके बाद डॉक्टरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कर दिया कि उनकी शर्तों पर ही बैठक होगी। डॉक्टरों ने यह भी कहा कि उनके आंदोलन में कहीं कोई राजनीति नहीं है। इसके अलावा सीनियर डॉक्टरों ने भी राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर एक भी जूनियर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई हुई तो पूरी ओपीडी सेवा को ठप कर देंगे। गुरुवार सुबह से डॉक्टर सड़कों पर बैठकर एक बार फिर लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि वह बैठक में अभिभावक के तौर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ही‌ चाहते हैं।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com