झारखंड पुलिस को इस तकनीक के लिए मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हाथों सम्मानित किया गया। झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता और ऐप को डेवलप करने वाले गुंजन कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत साइबर नियंत्रण के लिए काम करने वाली संस्था ‘आई 4 सी’ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में यह सम्मान ग्रहण किया।
यह ऐप 7 नवंबर, 2023 को लॉन्च किया गया था। उसके बाद से पुलिस ने साइबर क्रिमिनल्स के अड्डों पर लगातार सर्जिकल स्ट्राइक किए हैं। इसके माध्यम से साइबर ठगी में इस्तेमाल किए जाने वाले मोबाइल नंबरों को ट्रेस कर पुलिस उनके अड्डे तक पहुंचती है। झारखंड में दिसंबर 2023 से अब तक साइबर क्राइम की 241 एफआईआर दर्ज की गयी है, जबकि 1100 से ज्यादा साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 2342 मोबाइल और 3449 सिम कार्ड जब्त किए गए हैं। झारखंड में पिछले ढाई वर्षों में पुलिस ने साइबर क्रिमिनल्स के बैंक अकाउंट में जमा करीब 15 करोड़ 80 लाख रुपए की रकम भी फ्रीज कराई है। बड़ी संख्या में ठगी के शिकार हुए लोगों को रकम भी लौटाई गई है।
झारखंड सीआईडी के एक अधिकारी ने बताया कि यह ऐप साइबर क्राइम के जामताड़ा मॉड्यूल के खिलाफ बेहद कारगर हथियार साबित हुआ है। इस ऐप के ट्रायल के दौरान पाया गया था कि देश के विभिन्न राज्यों में प्रतिदिन ढाई से तीन हजार साइबर क्रिमिनल मोबाइल पर सक्रिय रहते हैं। अब ऐप के माध्यम से संबंधित जिलों की पुलिस को साइबर क्रिमिनल्स की गतिविधियों की मैपिंग तुरंत भेजी जा रही है।