उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा,“हम देश को समझते हैं, आरएसएस को नहीं और ना ही हम आरएसएस को समझना चाहते हैं। आरएसएस को क्या समझा जाए, क्या वह समझने लायक है? जरा बताएं? जिस संगठन में इतनी हिम्मत नहीं है कि अपने आप पंजीकरण करा सके, जिस संगठन को इतनी हिम्मत नहीं कि अपनी मेंबरशिप रजिस्ट्रेशन सार्वजनिक कर सके, जिस संगठन में इतनी हिम्मत नहीं कि अपने अकाउंट को सार्वजनिक करे, वे हमें सिखाएंगे कि देश क्या है और देश की संस्कृति क्या है? इस देश की संस्कृति को अगर किसी से सबसे ज्यादा खतरा है, तो वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से है। जब संघ प्रमुख भाषण देते हैं कि महिलाओं का स्थान किचन में होता है, घर में होता है, तो उसका अर्थ क्या हुआ? यह जो हमारी पत्रकार बहनें घूम रही हैं, यह घर में जाएं, काम नहीं करें, नौकरी नहीं करें। अगर उनका बस चले तो किसी महिला को नौकरी न करने दें।”
खेड़ा ने यूपी के कानपुर में अनवरगंज-कासगंज के बीच भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस के ट्रैक पर गैस सिलेंडर मिलने की घटना पर भी भाजपा को घेरते हुए कहा कि केंद्र और राज्य में किसकी सरकार है? यह कैसे हो रहा है। उन्होंने भाजपा सरकार पर रेलवे के खिलाफ न्यूज प्लांट करने का आरोप लगाते हुए कहा, “सरकार को हर 15 दिन में न्यूज प्लांट नहीं करनी चाहिए। बल्कि यह बताना चाहिए कि इसके खिलाफ क्या कदम उठाए गए। उन्हें लॉ एंड आर्डर काबू करने के दावे नहीं करने चाहिए। अभी सीबीआई ने क्या किया है, वह सामने आना चाहिए ?
बता दें, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपनी तीन दिन की अमेरिका यात्रा के पहले दिन एक कार्यक्रम में बोलते कहा कि आरएसएस का मानना है कि भारत एक विचार है, लेकिन हमारा मानना है कि भारत बहुत सारे विचारों से मिलकर बना एक देश है। हमारा मानना है कि देश में हर किसी को बिना किसी परवाह के सपने देखने की इजाजत मिले। हर व्यक्ति को बिना उसका धर्म और रंग देखे बिना मौके मिलना चाहिए। चुनाव में भारत के लाखों लोगों पता चला कि प्रधानमंत्री संविधान पर हमला कर रहे थे।