आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “राहुल गांधी इस देश के पहले ऐसे नेता हैं, जो विदेश जाकर अपने देश के खिलाफ बोलते हैं। पूरी दुनिया में कोई ऐसा नेता नहीं है जो अपने देश की बुराई विदेश में जाकर करता हो।”
उन्होंने आगे कहा कि जब भी कांग्रेस सांसद भारत से बाहर जाते हैं, उनका एजेंडा यही है कि वह भारत के खिलाफ बोलते हैं। चाहे वह अमेरिका जाएं, ब्रिटेन जाएं, खाड़ी के देशों में जाएं, इटली जाएं या जहां कहीं भी जाएं, कभी वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलते हैं, कभी आरएसएस को निशाना बनाते हैं। वह आरएसएस को निशाना बनाते बनाते भारत की संस्कृति, सभ्यता और सनातन धर्म के खिलाफ बोलने लगते हैं।
उन्होंने कहा, देश की जनता को गंभीरता से सोचना चाहिए कि क्या राहुल गांधी वाकई इस देश के नेता हैं, या वह इस देश के खिलाफ हैं। देश को यह भी तय करना चाहिए कि वह देश के साथ हैं या देश के खिलाफ हैं। इस विषय पर देश की जनता और कांग्रेस को भी सोचना चाहिए कि जिन्होंने देश के उत्थान और एकता के लिए बलिदान दिए हैं उनके लिए कैसा रवैया रखना चाहिए। यह बहुत ही चिंतन का विषय है, साथ ही चिंता का भी विषय है।
उल्लेखनीय है कि अपनी तीन दिन की अमेरिका यात्रा के पहले दिन राहुल गांधी ने डलास की टेक्सस यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ बातचीत करते हुए भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “भाजपा और कांग्रेस के बीच वैचारिक संघर्ष है। भाजपा और आरएसएस का मानना है कि महिलाओं को अपनी पारंपरिक भूमिकाओं तक ही सीमित रखना चाहिए। घर पर रहना, खाना बनाना और कम बोलना चाहिए। इसके विपरीत हमारा मानना है कि महिलाओं को वह सारे काम करने की आजादी होनी चाहिए, जो वे करना चाहती हैं।