जम्मू-कश्मीर के रामबन विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, हम कभी जाति और धर्म की राजनीति नहीं करते। हम न्याय और मानवता की राजनीति करते हैं। इसका उदाहरण चाहिए तो हमारी सरकार की योजनाओं को देख लीजिए। हमने कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया। किसी भी धर्म के लोग, चाहे हिंदू-मुस्लिम, सिख, ईसाई या यहूदी – जो भी भारत की धरती पर रहते है – हमने सभी को एक परिवार के रूप में देखा है और सभी को भाई के रूप में माना है।
राजनाथ सिंह ने भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार का जिक्र करते हुए कहा, महबूबा के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान, हमने नाबालिगों और निर्दोष लोगों के खिलाफ मामले वापस ले लिए थे। लेकिन समस्या यह थी कि पीडीपी अलगाववादियों के प्रति सहानुभूति रखती थी। मैं हमेशा उनसे जमीनी हालात को नियंत्रण में लाने के लिए कहता था, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकीं। जम्मू-कश्मीर के लोग भारत के स्वतंत्र नागरिक हैं और उन्हें शांति तथा समृद्धि का अधिकार है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह पहली बार रामबन आए हैं, लेकिन लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया है। उन्होंने दावा किया, मैं आप सभी का अभिवादन करता हूं। 10 साल बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। पूरा देश इस चुनाव के नतीजों पर नजर रख रहा है। मैं हाल ही में अमेरिका गया था और वहां प्रवासी भारतीयों ने मुझसे पूछा कि इन चुनावों में क्या होगा। मैंने उनसे कहा कि जम्मू-कश्मीर में भाजपा की सरकार बनेगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, भाजपा को यहां सरकार बनाने का मौका दीजिए और हम 10 साल में इस जगह की सूरत बदल देंगे। हमने पिछले 10 साल में जमीनी हालात पहले ही बदल दिए हैं। यहां तक कि कश्मीर में ताजिया (मुहर्रम) जुलूस की भी इजाजत नहीं थी और हमने यह जुलूस निकाला।